अच्छे विचारों को अपनी जिन्दगी में अपनाएं
रामायण में दो ऐसे इंसान थे एक था विभिष्ण और दूसरी कैकेयी। यो विभिष्ण था वो रावण की लंका में रहता था फिर भी वो एक अच्छे स्वभाव का था और अच्छे विचारों को अपनाता था इस तरह कैकेयी राम के राज में रहती थी और उसका मन पाप से भरा हुआ था। इसी तरह सुधरना और बिगड़ना इंसान की सोच पर निर्भर करता है न के माहोल पर।
जब रावण ने सीता का हरन कर उसे लंका ले आया था तब वो सीता को समझा -समझा कर हार गया था क्योंकि सीता ने रावण की तरफ़ एक बार भी नहीं देखा था।
तब मंदोदरी यो रावण की पत्नी थी ने रावण को एक विकल्प बताया के तुम राम बन कर सीता के पास जाओ और वो तुम्हे अवश्य देखेगी।
रावण ने कहा – ऐसा तो में पहले भी कई बार कर चुका हूँ इसके बाद मंदोदरी ने कहा “तब सीता ने आपकी तरफ़ देखा ?
रावण – जब – जब मैंने राम के भेष में देखना चाहा तो में ख़ुद सीता को नहीं देख पाया क्योंकि राम के भेष में मुझे परायी औरत में एक माता या अपनी पुत्री दिखती है
- अच्छे विचार हमारी जिन्दगी का आधार होते हैं अच्छे विचारों को अपना कर हम अपनी जिन्दगी में एक नया बदलाव ला सकते हैं
- यदि उपवास रखने से परमात्मा ख़ुश होते हैंतो संसार में कई – कई दिनों तक ख़ाली पेट रहने वाले भिखारी सबसे सुखी आदमी होते
- इसीलिए उपवास अन्न का नहीं बल्कि विचारों का होना चाहिए