centered image />

दुनिया के 5 सबसे क्रूर नरभक्षी,जिन्हें था इंसानों को खाने का शौक

0 4,512
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

5 सबसे क्रूर नरभक्षी: क्या आपने कभी सुना है कोई इंसानों को खा सकता है नहीं – आज हम आपको बताते है एसे पांच नरभक्षीयो के बारे में—-

नरभक्षण भले ही अब बीते समय की बात हो चुकी हो, लेकिन अभी भी कुछ मामले दुनिया के सामने आते हैं, जिनमें लोगों को दूसरे इंसान का मांस खाने के अपराध में पकड़ा गया है। अभी तक नरभक्षण के जिच्ची घटनाएं सामने आई हैं, उनमें अधिकतर के पीछे का कारण रूढिवादी धार्मिक अनुष्ठान रहा है। कुछ मामलों में मानसिक रूप से बीमार लोगों द्वारा नरभक्षण करना देखा पाया गया है।

कुछ ऐसे मामले भी देखे गए हैं, जिसमें इंसान ने खुद को ज़िंदा रखने के लिए दूसरे मृत इंसानों का मांस खाया।

जानिए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में घटित नरभक्षण की घटनाएं…

एल्फर्ड पैकर

5 most cruel cannibals in the world, who were fond of eating humans

एल्फर्ड अमेरिका का निवासी था और वह सोने की खोज किया करता था। 9 फरवरी 1874 को वह 5 अन्य लोगों के साथ कोलोरैडो पर्वतों पर सोने की खोज के लिए गया। दो महीने बाद पैकर अकेले वापस लौटा। जब उससे अन्य लोगों के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि खुद पर हुए हमले के जवाब में उसने अन्य लोगों को मार डाला और दुर्गम इलाके में ज़िंदा रहने के लिए उनका मांस खाना पड़ा। शुरूआत में उसकी बातों पर विश्वास नहीं किया गया, लेकिन जब उसके द्वारा लिखित रूप से अपराध स्वीकार किया गया तो उसे 40 साल की सजा सुनाई गई। अमेरिकी इतिहास में यह उन दिनों दी गई सबसे लंबी सजा थी। हालांकि बाद में उसकी मनोस्थिति और उसकी मजबूरी को समझते हुए उसे छोड़ दिया गया।

अल्बर्ट फिश –

5 most cruel cannibals in the world, who were fond of eating humans

अल्बर्ट एक विकृत मानसिकता का अपराधी और नरभक्षी था। अल्बर्ट ने एक 10 वर्षीय लड़की का मैनहैट्टन से अपहरण किया और फिर उसकी हत्या करके उसे खा गया। छह साल बाद अल्बर्ट ने लड़की के घरवालों को चिट्ठी भेजकर उन्हें अपने इस क्रूर कृत्य की जानकारी दी। हालांकि उसने अपनी मानसिक विकृति के कारण लड़की के घरवालों को परेशान करने की नीयत से चिट्ठी भेजी थी, लेकिन इसके कारण वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। अपहरण, हत्या और नरभक्षण के आरोप में 16 जनवरी 1936 को अल्बर्ट को मौत की सजा दी गई।

रेव्लूयशनरी यूनाइटेड फ्रंट –

आरयूएफ एक दक्षिण अफ्रीका के सिएरा लियोन का एक चर्चित क्रांतिकारी समूह था। सन् 1990 के दशक में सरकार विरोधी अभियान में आरयूएफ द्वारा काफी नरसंहार किया गया था। आरयूएफ का यह अभियान देश में मौजूद हीरे की खानों को बचाने के लिए था। आरयूएफ द्वारा किए जाने वाले नरसंहार में नरभक्षण के भी कई मामले सामने आए हैं। उनका नरभक्षण का उद्देश्य शत्रुओं की ताकत को ग्रहण करना था। नरभक्षण के शिकार लोगों की संख्या का सही आंकड़ा बताना मुश्किल है।

इसेई सगावा

5 most cruel cannibals in the world, who were fond of eating humans

नरभक्षण के मामले में पकड़े गए अपराधियों की फेहरिस्त पर नज़र डाली जाए, तो जापान के इसेई सगावा का नाम भी सामने आता है। जापान के कोबे में सन् 1949 में पैदा हुए इसेई को घूमने-फिरने का काफी शौक था। वर्ष 1981 में इसेई सोरबोने एकेडमी में फ्रेंच साहित्य पढ़ने के लिए पेरिस चला गया। इस दौरान उसकी दोस्ती अपनी ही साथी विद्यार्थी रेनी हार्टवेल्ट से हो गई। 11 जून 1981 को इसेई ने हार्टवेल्ट को साथ में पढ़ने के लिए अपने अपार्टमेंट में आमंत्रित किया। उस दौरान इसेई ने हार्टवेल्ट के गर्दन में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद उसने उसके शरीर के टुकड़े किए और उन्हें खाया।

जांच में यह बात भी सामने आई कि हार्टवेल्ट की हत्या के बाद इसेई ने उसकी लाश के साथ सेक्स भी किया था। हत्या के कई दिनों बाद तक इसेई, हार्टवेल्ट के शरीर के टुकड़ों से अपना पेट भरता रहा। इसेई, हार्टवेल्ट की लाश के पैर और कई हिस्सों को खा गया था। बाद में लाश के बचे हुए हिस्से को एक झील में फेंकने के चक्कर में वह फ्रेंच पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

पूछताछ में इसेई सगावा ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए। इसेई ने पुलिस को बताया कि उसने हार्टवेल्ट की खूबसूरती और अच्छी सेहत से चिढ़कर उसपर हमला किया था। हत्या के बाद उसने इंसानी मांस को चखकर देखा, जो उसे काफी पसंद आया। बाद में उसने कई दिनों इंसानी मांस को भूनकर खाया। इसेई को कुछ सालों के लिए जेल में और फिर मानसिक सुधारगृह में रखा गया, जहां उसकी मेडिकल काउंसलिंग की गई। 12 अगस्त 1986 को इसेई को मुक्त कर दिया गया और आज वह टोक्यो में रहता है। फिलहाल इसेई कमेंटेटर और पब्लिक स्पीकर के तौर पर पार्ट टाइम नौकरी करता है।

एंद्रेई चिकातिलो –

5 most cruel cannibals in the world, who were fond of eating humans

चिकातिलो यूक्रेन में पैदा हुए एक सीरियल किलर और बलात्कारी था। चिकातिलो ने 50 हत्याओं और दुष्कर्म की बात स्वीकारी थी। वह लोगों दोस्त बनाकर उनकी हत्या करता और फिर उन्हें खा जाता। उसने माना कि इसके पीछे उसका मकसद सेक्सुअल आनंद उठाना था। चिकातिलो को 14 फरवरी 1994 को रोस्तोव में मौत की सजा दी गई।

मॉएरोवा फैमिली –

मॉएरोवा परिवार चेक रिपब्लिक में रहने वाला एक नरभक्षी परिवार था। आठ महीनों के दौरान इस परिवार के सदस्यों ने मिलकर कई लोगों की हत्याएं की और उन्हें खा गए।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.