शादी से पहले 25% झुलसी लड़की, शादी टूटने का था डर- होने वाले पति ने किया फिर ये काम
मध्यप्रदेश में सागर नाम के एक नौजवान लड़के ने इंसानियत की ऐसी मिसाल कायम की है जिससे हर कोई उनकी इज्जत जरूर करेगा. उसने ना सिर्फ लड़की की फिक्र की बल्कि अपने ससुराल का मान-सम्मान भी खूब बढ़ाया है. रायसेन निवासी पूर्मिणा बुंदेला की सगाई सागर निवासी देवेंद्र सिंह राजपूत के साथ हुई और 26 जनवरी, 2019 को उनकी शादी होने वाली थी. शादी की पूरी तैयारी हो चुकी थी, कार्ड बंट चुके थे लेकिन 9 जनवरी को लड़की के साथ ऐसा हादसा हुआ कि शादी टालनी पड़ी. हुआ यूं था कि एक दिन पूर्णिमा गर्म पानी से नहाने जा रही थी कि उसका पैर फिसला और पूरा गर्म पानी उसके ऊपर गिर गया. 25 प्रतिशत जल चुकी पूर्णिमा को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर्स ने उसे भोपाल रिफर किया.
वहां पर उसका इलाज चल रहा है और पिछले 3 महीनों से वो भर्ती है और उसके हाथ की तीन बार सर्जरी हो चुकी है. इस घटना से पूर्णिमा का पूरा परिवार सदमे में है, एक तरफ पूर्णिमा की चिंता तो दूसरी ओर शादी टूटने का डर उन लोगों में बैठ गया है.
पूर्णिमा के पिता प्रताप सिंह बुंदेला और छोटा भाई हेमंत सिंह का निधन हो गया और घर में कोई भी पुरुष नहीं है. पूर्णिमा की मां पुष्पा सिंह को उनके पति की जगह नौकरी मिली और अब वे अपनी दो बेटियों को पाल रही हैं. किसी तरह बड़ी लड़की की शादी तय हुई और सगाई के बाद शादी की तैयारियां शुरु हो गई. देवेंद्र एक प्राइवेट नौकरी करता है और जब उसे इस हादसे की भनक लगी तो वो सबकुछ छोड़कर पूर्णिमा के पास आ गया. इसके बाद उसे अपनी नौकरी से हाथ भी धोना पड़ा लेकिन उसने एक इंसानियत का पूरा फर्ज निभाया.
पूर्णिमा की बहन ने बताया देवेंद्र के बारे में
बेटे देवेंद्र की इस पॉजिटिव सोच के लिए उसके पिता देवी सिंह राजपूत उसका पूरा साथ दे रहे हैं. देवेंद्र का पूरा परिवार अपनी होने वाली बहू का हालचाल पूछने भोपाल आ गया और अब उसके ठीक होते ही ये शादी की जाएगी.
इसपर पूर्णिमा की बहन प्राची ने मीडिया को बताया, ‘मेरे होने वाले जीजा ने हमारे लिए जो भी किया है उसे मैं बयां नहीं कर सकती हूं और मैं सिर्फ इतना कहूंगी कि वे हमारे लिए एक फरिश्ते के समान हैं.’ देवेंद्र के घरवाले वीडियो कॉल करके पूर्णिमा के बारे में पूछते हैं और देवेंद्र उसके पास रहकर उसकी देखभाल कर रहा है. जब देवेंद्र से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं अपना फर्ज निभा रहा हूं. ये एक घटना थी जो मेरे साथ भी हो सकती थी. इसका मतलब ये नहीं कि हम इंसानियत भूल जाएं. मेरे माता-पिता ने मुझे ऐसे संस्कार दिए हैं और मैं उसका पालन कर रहा हूं. पूर्णिमा जल्दी ही ठीक हो जाएगी.’
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