वैष्णो देवी है देश का दूसरा अमीर मंदिर, सालाना 500 करोड़ का आता है चढावा , इन 7 वजहों से दुनिया भर में प्रसिद्ध

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Jyotish :-साल में दो बार नवरात्रि का त्यौहार आता है और इन दिनों में ही सभी देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। पास पड़ोस के छोटे मंदिरों से लेकर प्राचीन देवी मंदिरों और शक्तिपीठों पर भी भक्तों का तांता लगता है। लेकिन एक देवी मंदिर ऐसा है जिसे भक्तों की भीड़ देखने के लिए किसी खास मौके की आवश्यकता नहीं है। यहां साल भर भक्तों का आना लगा रहता है।

हम बात कर रहे हैं भारत के उत्तरी हिस्से में बसे जम्मू के देवी मंदिर ‘वैष्णो देवी’ की। सर्दी हो या गर्मी, धूप हो या बरसात, नवरात्रि हो या ना हों, इस मंदिर में भक्तों की भीड़ अक्सर देखने को मिलती है। और जब बात किसी त्यौहार की हो तो यह भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि मंदिर में पांव तक रखने की जगह नहीं मिलती है।

500 करोड़ का दान

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वैष्णो देवी देश का दूसरा ऐसा मंदिर है जहां करोड़ों के हिसाब से चढ़ावा चढ़ता है। मंदिर में साला 500 करोड़ का दान आता है जिसकी वजह से इस देवी मंदिर को देश का दूसरा सबसे अमीर मंदिर बताया जा रहा है। पहले नंबर पर दक्षिण भारत का ‘पद्मनाभ स्वामी मंदिर’ है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।

लाखों की संख्या में श्रद्धालु

देश के दूसरे सबसे अमीर मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है। यहां हर मौसम में श्रद्धालु आते हैं। गर्मियों के छुट्टियों में श्रद्धालु सबसे अधिक आते हैं। रिपोर्ट की मानें तो साल भर में 80 लाख से लेकर एक करोड़ तक श्रद्धालु दर्शन के लिए वैष्णो देवी के मंदिर आते हैं। दान के रूप रुपयों के साथ मंदिर में सोने-चांदी का भी भारी मात्रा में चढ़ावा चढ़ता है।

कहां जाता है दान?

वैष्णो देवी मंदिर से जुड़ी हर एक गतिविधि पर एक ट्रस्ट का कंट्रोल है। यह मंदिर का अपना खुद का ट्रस्ट है। चढ़ावे में आया धन या अन्य महंगी वस्तुओं की देख-रेख इस ट्रस्ट द्वारा ही की जाती है। दान की हुई रकम को कहां इस्तेमाल करना है, पुजारियों की तनख्वा से लेकर श्रद्धालुओं तक जाने वाला प्रसाद का अखार्च, सभी ट्रस्ट की निगरानी में किया जाता है।

क्यों प्रसिद्ध है वैष्णो देवी मंदिर?

– आदिशक्ति रूपा से जुड़ा यह मंदिर केवल देश ही नहीं विदेश में भी प्रसिद्ध है। भक्तों में यह मान्यता है कि यहां आने वाले की पुकार देवी जरूर सुनती है और उनके दुःख-दर्द दूर करती है
– इस मंदिर से जुड़ी एक कथा के कारण यह भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। यह कथा पंडित श्रीधर से जुड़ी है जो कि बेहद गरीब था। इस पंडित के घर कन्या रूप में देवी ने दर्शन दिए थे
– कन्या रूप में आई देवी को भैरो नाथ ने पहचान लिया और उसे पकड़ने के लिए दौड़ा। भैरो नाथ से बचती हुई कन्या एक गुफा में छिप गई। यह गुफा आज भी वैष्णो देवी मंदिर में मौजूद है
– इस गुफा को हजारों वर्ष पुराना बताया जाता है। कहते हैं हर आकार (मोटा या पतला) का व्यक्ति इस छोटी सी गुफा के भीतर आसानी से जा सकता है। इसे देवी का चमत्कार माना जाता है
– महाभारत काल में भी इस मंदिर का वर्णन किया गया है जहां युद्ध से पहले अर्जुन ने माता वैष्णो देवी को याद किया था और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था
– कहा यह भी जाता है कि सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह भी यहां आए थे। हर साल बड़ी संख्य में सिख श्रद्धालु भी यहां आते हैं
– नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर के दर्शन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दौरान यहां भारी भीड़ देखने को मिलती है

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