यूएस ट्रेजरी ने भारत को अपनी करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट से हटाया, जानिए देश के लिए क्यों है ये बड़ी खबर

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इसकी मुद्रा निगरानी के तहत देशों की अमेरिकी सूची से भारत को अंत में हटा दिया गया है । अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान अमेरिका के इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा की। भारत पिछले दो साल से इस प्रतिबंधित सूची में था।

अमेरिकी कांग्रेस को अपनी अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट में, यू.एस. ट्रेजरी विभाग ने कहा है कि जिन देशों ने लगातार दो रिपोर्टों में दो मानदंडों में से एक को पूरा किया है, उन्हें इस मुद्रा निगरानी सूची से मुक्त कर दिया गया है। भारत के अलावा इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम को इस निगरानी सूची से हटा दिया गया है।

गौरतलब है कि साल 2019 में अमेरिका ने भारत को इस सूची से बाहर कर दिया था, लेकिन दिसंबर 2020 में फिर से भारत को इस मुद्रा निगरानी सूची में रखा गया। अमेरिका इस सूची में संदिग्ध देशों को रखता है जो अनुचित व्यापार लाभ हासिल करने के लिए अपने विदेशी मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करते हैं। वर्ष 2021 में, यू.एस भारत को फिर से इस सूची में ट्रेजरी विभाग द्वारा सिंगापुर, थाईलैंड और मैक्सिको सहित 10 अन्य देशों के साथ रखा गया था।

अमेरिकी संसद में पेश की गई अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट में ट्रेजरी विभाग ने कहा कि उसकी निगरानी सूची में अब चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान सहित सात देशों की मुद्राएं शामिल हैं। अमेरिका इस सूची में शामिल देशों की मुद्रा संबंधी गतिविधियों और व्यापक आर्थिक नीतियों की बारीकी से निगरानी करता है।

अमेरिका के कार्यों की अक्सर भारत यह कहकर आलोचना करता है कि वह कभी भी मुद्रा में हेराफेरी करने वाले के रूप में कार्य नहीं करेगा। जबकि 2021 में यूएस ट्रेजरी रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत को विदेशी मुद्रा में हस्तक्षेप को सीमित करना चाहिए।

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