मुस्लिम लड़कियों की शादी की उम्र भी हो 18 साल, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र को जारी किया नोटिस

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सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) द्वारा महिलाओं के लिए विवाह की समान आयु की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि नाबालिग मुस्लिम लड़कियों की शादी को वैध बनाना POCSO एक्ट का उल्लंघन है.

महिला आयोग ने दायर की याचिका

बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने धर्म के आधार पर मुस्लिम लड़कियों की कम उम्र में शादी को वैध बनाने के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। इस याचिका पर बेंच ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। बेंच ने केंद्र से इस मामले में 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा।

मुस्लिम लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है

बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिम लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र में हो सकती है। हालांकि कानून के मुताबिक देश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल तय की गई है। इस उम्र से कम उम्र की लड़कियों से शादी करना अपराध की श्रेणी में आता है। जबकि मुस्लिम लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र में ही करना जायज माना जाता है।

अगली सुनवाई 8 जनवरी 2023 को होगी

बता दें कि इस मामले की सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच कर रही थी. अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 जनवरी 2023 को होगी, जब केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करना है.

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