महाभारत की रोचक कहानी: क्या सचमुच गांधारी के श्राप के कारण अफगानिस्तान की ऐसी हालत है? आखिर इसकी वजह क्या है?
अफगानिस्तान एक ऐसा देश है जिसे कब्रों की दुनिया कहा जाता है। यहां दिन-रात खुलेआम लड़ाईयां होती रहती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार राजा शुभद की पुत्री गांधारी ने धृतराष्ट्र से विवाह किया था, इसका मुख्य कारण यह था कि उनके दादा भीष्म थे, और भीष्म ने धृतराष्ट्र को गांधार नरेश की बेटी से विवाह करने के लिए मजबूर किया। गांधारी और धृतराष्ट्र के पुत्र कौरवों के पुत्र थे, लेकिन उनमें से एक भी कुरुशुंली नहीं था। गांधारी को वेद व्यास ऋषि से पुत्रवधू का वरदान मिला था। क्योंकि इस वरदान से गांधारी 99 पुत्रों और एक पुत्री की मां बनीं। गांधारी की पुत्री का नाम दुचाया था। जिनसे युयुत्सु नामक पुत्र का जन्म हुआ, इस प्रकार कौरवों के 100 भाई थे।
गांधार नरेश को उसके पितामह भीष्म ने गिरफ्तार कर जेल में रखा था l बाद में मिहार नरेश की मृत्यु हो गई l बाद में शकुनि ने बदला लेने के लिए कुबेर और पांडवों के बीच युद्ध कराया l जब गांधारी ने महाभारत युद्ध में अपने 100 पुत्रों को खो दिया तब उसकी आँखों से अग्नि निकली l तब उसने श्राप दिया श्रीकृष्ण ने कहा कि जिस प्रकार कौरव वंश का नाश हुआ था उसी प्रकार तम कुल का भी नाश हो जाएगा। तब गांधारी ने भी अपने 100 पुत्रों की मृत्यु के बाद शकुनि को दोषी ठहराया। तब गांधारी ने मिहार के नरेश शकुनि को श्राप दिया कि गांधार के राज्य में कभी भी शांति नहीं होगी। मेरे 100 पुत्रों को मार डाला था। मैं नहीं रहूँगा
कहा जाता है कि गांधारी के श्राप के कारण आज भी अफगानिस्तान में शांति नहीं है। तालिबान शासन से पहले, तालिबान शासन के बाद और तालिबान शासन के बाद इस देश में लगातार अशांति, अराजकता और गृहयुद्ध होता रहता है।