मंगल ग्रह के बारे में वैज्ञानिकों की कई धारणाएं बदल देंगी नई खोज, जानें कैसे

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मंगल ग्रह प्लैनट ऐसा कहा जाता है कि इसका अपना कोई चुंबकीय क्षेत्र नहीं है क्योंकि इसका आंतरिक भाग पृथ्वी की तरह सक्रिय नहीं है। इतना ही नहीं, यह भी माना जाता था कि इसके अंदर आंतरिक गतिविधियां नहीं होती हैं। लेकिन पिछली कुछ अलग-अलग खोजों में वैज्ञानिकों को पता चला है कि भूमिगत गतिविधि के संकेत जैसे ज्वालामुखी गतिविधि, भूकंपीय गतिविधि आदि के संकेत हैं।

एक नए अध्ययन से मंगल ग्रह की आंतरिक कार्यप्रणाली के बारे में नई खोजों का पता चला है जो लाल ग्रह के बारे में कई धारणाओं को बदल सकता है।

आपने क्या खोजा है?

वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर एलीसियम प्लैनिटिया नामक एक विशाल मैदान के नीचे मेंटल में 4,000 किलोमीटर चौड़ा संवहनी गुब्बारे की खोज की है, जहां पिघला हुआ मैग्मा सतह की ओर बह रहा है। ऐसा लगता है कि यह मंगल ग्रह की वर्तमान ज्वालामुखीय गतिविधि के रहस्य को उजागर करता है, जिनमें से कुछ वैज्ञानिक वर्षों से देख रहे हैं।

सक्रियता कहां है?

ग्रहों के भूभौतिकीविद् ने कहा कि उनके परिणाम बताते हैं कि मंगल आज भी भूगर्भीय रूप से सक्रिय है और सुझाव देता है कि मंगल पर ज्वालामुखी का कारण हेस्पियन ज्वालामुखी प्रांतों या ओराप थारिस में बने मेंटल गुब्बारे हैं। जो कि आज के एलिसियम प्लेटिनिया का इतिहास है।

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