‘निखिल गुप्ता का मामला भारत के अधिकार क्षेत्र में नहीं’, पन्नू की हत्या की साजिश पर चेक गणराज्य का दबदबा

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खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के मामले में आरोपी निखिल गुप्ता चेक गणराज्य की जेल में है. इस मामले में चेक गणराज्य का कहना है कि यह मामला भारत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. चेक गणराज्य के न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता व्लादिमीर रेपका ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से हमारे देश के कानून के अंतर्गत आता है। भारत का इससे कोई लेना-देना नहीं है. रेपका ने कहा कि अगर किसी मामले में आरोपी के पास वकील नहीं है तो कोर्ट उसके लिए वकील नियुक्त करेगी.

विदेश मंत्रालय ने कहा- निखिल के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की

इससे पहले गुरुवार (21 दिसंबर) को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि निखिल को अब तक तीन बार कॉन्सुलर एक्सेस दी गई है। हम आवश्यकतानुसार कांसुलर सहायता भी प्रदान करते हैं। निखिल गुप्ता के परिवार ने राहत के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। फिलहाल हम इस मामले में कुछ नहीं कहेंगे, हम सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का इंतजार करेंगे.

कॉन्सुलर एक्सेस क्या है?

दरअसल जब एक देश के किसी व्यक्ति को काउंसलर एक्सेस के तहत दूसरे देश में गिरफ्तार किया जाता है तो कैद किए गए व्यक्ति के देश के एक राजनयिक या अधिकारी को कैदी से मिलने की अनुमति दी जाती है। पिछले हफ्ते पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी निखिल गुप्ता के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका आरोप है कि निखिल को अवैध तरीके से प्राग (चेक गणराज्य) की जेल में कैद किया गया है. जेल में उन्हें सूअर और गोमांस खाने के लिए मजबूर किया गया, जो हिंदू रीति-रिवाजों के खिलाफ है।

अमेरिका ने भारत पर लगाया आरोप

अमेरिकी सरकार का आरोप है कि पन्नू पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला करने की साजिश रची गई थी. इसमें भारत का हाथ था. इस साजिश को नाकाम कर दिया गया. हालांकि, हमले की तारीख का खुलासा नहीं किया गया.

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