तिब्बत में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन को लेकर अमेरिका ने लिया ये फैसला

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अमेरिका ने तिब्बत में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन को लेकर चीन के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें तिब्बत में चीन के शीर्ष अधिकारी वू यिंगजी और हिमालयी क्षेत्र में चीन के पुलिस प्रमुख झांग होंगबो शामिल हैं। उन पर कैदियों को प्रताड़ित करने और उनकी हत्या करने और जबरन नसबंदी कराने जैसे अपराधों में शामिल होने का आरोप है। वू यिंगजी 2016 से 2021 तक तिब्बत में अग्रणी चीनी अधिकारी थे। प्रतिबंधों के तहत, अमेरिका ने दोनों चीनी अधिकारियों की किसी भी अमेरिकी संपत्ति और आपराधिक व्यवहार को फ्रीज कर दिया है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकेन ने एक बयान में कहा कि कार्रवाई का उद्देश्य तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में एक धार्मिक अल्पसंख्यक समूह के सदस्यों के चीन के जबरन हिरासत और शारीरिक शोषण को बाधित करना और रोकना है। वहीं, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने एक बयान में कहा कि वू यिंगजी ने तिब्बत में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन की नीति लागू की थी। इनमें असाधारण हत्याएं, शारीरिक शोषण, मनमानी गिरफ्तारी और सामूहिक नजरबंदी शामिल हैं।

बयान में कहा गया है कि वू के कार्यकाल के दौरान अन्य अपराधों में जबरन नसबंदी, जबरन गर्भपात, धार्मिक और राजनीतिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और कैदियों को प्रताड़ित करना शामिल था। वहीं, झांग तिब्बत क्षेत्र में डिटेंशन सेंटर चलाने, कैदियों को प्रताड़ित करने और मारने और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पिछले महीने बाली में अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की थी और दोनों नेताओं ने बातचीत को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई थी। लेकिन, अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने के बावजूद नए प्रतिबंधों की घोषणा की गई है।

 

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