कई सालों से नहीं हुआ मां दुर्गा की इस प्रतिमा का विसर्जन,जरूर जाने

0 8
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

Jyotish :-धार्मिक नगरी वाराणसी के मदनपुरा की पुरातन दुर्गाबाडी में लगभग ढाई सौ वर्ष पुरानी मां दुर्गा की प्रतिमा का आज तक विसर्जन नहीं हुआ और पूजा निरंतर जारी है। मिट्टी एवं पुआल से बनी इस अलौकिक दुर्गा प्रतिमा की स्थापना 1767 में एक बंगाली परिवार ने की थी। मूर्ति आज तक विसर्जित नहीं की गई। नवरात्रि में यहां पर खास पूजा होती है तथा श्रद्धालुओं को गुड़ व भुने चने का प्रसाद वितरित किया जाता है।

काशी में दुर्गापूजा की शुरूआत सही मायने में कब हुई इसका प्रमाण नहीं है। वाराणसी में 1730 के आसपास बंगाल के कुछ धनाढ्य परिवारों का आगमन शुरू हुआ। उन्होंने दुर्गापूजा की शुरूआत की। इस बीच बंगाल से कई अन्य परिवार आए और यहां पर बस गए । इसी दौरान शहर के गरूणेश्वर मुहल्ले में 1767 के आसपास एक मुखर्जी परिवार आया। इसी परिवार ने बंगाल संस्कृति की प्रतीक दुर्गा प्रतिमा स्थापित की एवं पूजा शुरू की। मुखर्जी परिवार ने गरूणेश्वर महादेव मंदिर के बगल में पुरातन दुर्गाबाडी में मिट्टी एवं पुआल से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की।

मदनपुरा के पुरातन दुर्गाबाडी में यह पूजा आज तक जारी है और तभी से यह प्रतिमा अपने मौलिक रूप में आज भी रखी है। कहा जाता है कि विसर्जन के पूर्व रात्रि में मुखर्जी परिवार को स्वप्न में यह संदेश मिला कि मुझे यहीं रहने दो। यह प्रतिमा बंगला शैली में एक चाला में बनी है। कच्ची मिट्टी एवं पुआल से बनी इस प्रतिमा का इतने सालों बने रहना किसी दैवीय चमत्कार से कम नहीं है। प्रतिमा का जहां हर वर्ष वस्त्र बदलने की परम्परा है वहीं इस प्रतिमा की समय समय पर मरम्मत होती रहती है।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.