एआई उत्पाद बिना अनुमति के लॉन्च नहीं किया जाएगा..
MeitY AI सलाह: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हम एक ऐसी व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं, जहां किसी भी उत्पाद को लॉन्च करने से पहले सख्ती जरूरी है।टेक कंपनियों के लिए केंद्र की सलाह: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने टेक कंपनियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से जुड़ी एक एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने एआई के दुरुपयोग के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की भी आलोचना की।
- एडवाइजरी में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी कंपनियां देश में अपने AI उत्पाद लॉन्च करने से पहले सरकार से मंजूरी लेंगी। इसके साथ ही सभी मध्यस्थों को सलाह का तुरंत अनुपालन करने और 15 दिनों के भीतर कार्रवाई-सह-स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
सरकार ने अपनी एडवाइजरी में क्या कहा
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कहना है कि सभी मध्यस्थों/प्लेटफॉर्मों को सलाह दी जाती है कि वे एआई-गलत सूचना, विशेष रूप से डीपफेक के कारण उपयोगकर्ताओं को होने वाले नुकसान से संबंधित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें।
सरकार ने एडवाइजरी में यह भी कहा कि एआई-आधारित सामग्री को कुछ स्थायी मेटा डेटा या किसी अन्य पहचानकर्ता के साथ जारी किया जाना चाहिए, ताकि यदि इसका उपयोग किसी फर्जी समाचार या डीपफेक में किया जाता है तो इसके निर्माता की पहचान की जा सके।
‘उत्पाद लॉन्च से पहले कठोरता आवश्यक’
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एआई जैसी तकनीक के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है क्योंकि इस तकनीक का कोई रक्षक नहीं है। हम एक ऐसी प्रणाली की ओर बढ़ रहे हैं जहां किसी उत्पाद को लॉन्च करने से पहले अधिक कठोरता की आवश्यकता होती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर किसी एआई मॉडल को ‘अंडर-टेस्टिंग’ के लेबल के साथ बाजार में लॉन्च करना है, तो भी उसे सरकार से मंजूरी लेनी होगी।
दरअसल, गूगल के एआई टूल जेमिनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे गए एक सवाल का कथित तौर पर पक्षपातपूर्ण जवाब दिया। तब से, जेमिनी की प्रोग्रामिंग को लेकर बहस तेज़ हो गई है। तभी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से एआई को लेकर एक एडवाइजरी जारी की गई है।