अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड और साउथ फिल्मों की तुलना को बताया उचित, कहा- ‘कोई भी इंडस्ट्री बताए कि…’
भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अब बॉलीवुड बनाम दक्षिण भारतीय फिल्मों की बहस पर अपनी राय दी है। एक कार्यक्रम में पहुंचे बिग बी ने कहा, कई क्षेत्रीय फिल्म निर्माताओं ने मुझे बताया है कि पुरानी हिट फिल्मों के रीमेक दक्षिण भारत में अधिक आम हैं।
पुणे में सिम्बायोसिस फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में अमिताभ बच्चन अपनी पत्नी अभिनेत्री जया बच्चन के साथ पहुंचे। इसी दौरान उनसे पूछा गया कि ‘फिल्मों पर लोगों की नैतिकता और व्यवहार को बदलने का आरोप लगाना सही है या गलत?’ इसके जवाब में बिग बी ने कहा कि ‘फिल्में असल जिंदगी से प्रेरित होती हैं।’
साथ ही मलयालम और तेलुगु फिल्मों की भी तारीफ की
अमिताभ बच्चन ने अपने भाषण में मलयालम और तेलुगु सिनेमा की भी तारीफ की. हालांकि, उन्होंने कहा कि दक्षिण भारतीय फिल्मों की तुलना हिंदी सिनेमा से करना उचित नहीं है। रीजनल सिनेमा बहुत अच्छा कर रहा है लेकिन जब हम उनसे बात करते हैं तो उनका कहना है कि हम जैसी फिल्में हिंदी में बना रहे हैं, वैसी ही वे भी बना रहे हैं। वे सिर्फ पहनावा बदलते हैं, जिससे फिल्में बेहतर दिखती हैं। मैं ऐसे कई लोगों से मिला हूं जो कहते हैं, हम आपकी पुरानी फिल्मों का रीमेक बना रहे हैं। दीवार, शक्ति और शोले जैसी फिल्में कहीं न कहीं उन्हीं कहानियों में जीवित हैं।’
इस बारे में और बात करते हुए बिग बी ने कहा कि ‘किसी इंडस्ट्री को यह कहना कि उनकी फिल्में नहीं चल रही हैं, यह सही नहीं है, यह अनुचित है। कुछ तेलुगु, मलयालम और तमिल बहुत प्रामाणिक और सौंदर्यपूर्ण हैं। किसी खास क्षेत्र पर उंगली उठाकर यह कहना सही नहीं है कि उनकी फिल्में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और हमारी फिल्में अच्छा नहीं कर रही हैं।’
अमिताभ ने फिल्मों में नैतिक संतुलन पर भी बात की
फिल्मों में नैतिक संतुलन को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए बिग बी ने कहा, ‘कई बार फिल्म इंडस्ट्री की काफी आलोचना की जाती है और आरोप लगाए जाते हैं कि यह देश की नैतिकता और लोगों के व्यवहार को बदलने के लिए जिम्मेदार है। जया ने भी एफटीआईआई से पढ़ाई की है और वह भी इस बात से सहमत होंगी कि फिल्मों की कहानियां समाज और रोजमर्रा की जिंदगी से मिले अनुभवों से बनती हैं और यही हमारी प्रेरणा है।’