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अपशकुन के बारे में जाने

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अपशकुन  क्या है?
कुछ लक्षणों को देखते ही व्यक्ति के मन में आषंका उत्पन्न हो जाती है कि उसका कार्य पूर्ण नहीं होगा। कार्य की अपूर्णता को दर्षाने वाले ऐसे ही कुछ लक्षणों को हम अपषकुन मान लेते हैं।
those-who-keep-cats-will-not-know-these-interesting-things (1)अपशकुनों के बारे में हमारे यहां काफी कुछ लिखा गया है, और उधर पष्चिम में सिग्मंड फ्रॉयड समेत अनेक लेखकों-मनोवैज्ञानिकों ने भी काफी लिखा है। यहां पाठकों के लाभार्थ घरेलू उपयोग की कुछ वस्तुओं, विभिन्न जीव-जंतुओं, पक्षियों आदि से जुड़े कुछ अपशकुनों का विवरण प्रस्तुत है।

झाड़ू का अपशकुन 

• नए घर में पुराना झाड़ू ले जाना अशुभ होता है।

• उलटा झाडू रखना अपषकुन माना जाता है।

• अंधेरा होने के बाद घर में झाड़ू लगाना अशुभहोता है। इससे घर में दरिद्रता आती है।

• झाड़ू पर पैर रखना अपशकुन  माना जाता है। इसका अर्थ घर की लक्ष्मी को ठोकर मारना है।

• यदि कोई छोटा बच्चा अचानक झाड़ू लगाने लगे तो अनचाहे मेहमान घर में आते हैं।

• किसी के बाहर जाते ही तुरंत झाड़ू लगाना अशुभ होता है।

दूध का अपषकुन

• दूध का बिखर जाना अशुभ होता है।

• बच्चों का दूध पीते ही घर से बाहर जाना अपशकुन  माना जाता है।

• स्वप्न में दूध दिखाई देना अशुभ माना जाता है। इस स्वप्न से स्त्री संतानवती होती है।

पशुओं का अपशकुन 

• किसी कार्य या यात्रा पर जाते समय कुत्ता बैठा हुआ हो और वह आप को देख कर चौंके, तो विन हो।

• किसी कार्य पर जाते समय घर से बाहर कुत्ता शरीर खुजलाता हुआ दिखाई दे तो कार्य में असफलता मिलेगी या बाधा उपस्थित होगी।

• यदि आपका पालतू कुत्ता आप के वाहन के भीतर बार-बार भौंके तो कोई अनहोनी घटना अथवा वाहन दुर्घटना हो सकती है।

• यदि कीचड़ से सना और कानों को फड़फड़ाता हुआ दिखाई दे तो यह संकट उत्पन्न होने का संकेत है।

• आपस में लड़ते हुए कुत्ते दिख जाएं तो व्यक्ति का किसी से झगड़ा हो सकता है।

• शाम के समय एक से अधिक कुत्ते पूर्व की ओर अभिमुख होकर क्रंदन करें तो उस नगर या गांव में भयंकर संकट उपस्थित होता है।

• कुत्ता मकान की दीवार खोदे तो चोर भय होता है।

• यदि कुत्ता घर के व्यक्ति से लिपटे अथवा अकारण भौंके तो बंधन का भय उत्पन्न करता है।

• चारपाई के ऊपर चढ़ कर अकारण भौंके तो चारपाई के स्वामी को बाधाओं तथा संकटों का सामना करना पड़ता है।

• कुत्ते का जलती हुई लकड़ी लेकर सामने आना मृत्यु भय अथवा भयानक कष्ट का सूचक है।

• पशुओं के बांधने के स्थान को खोदे तो पशु चोरी होने का योग बने।

• कहीं जाते समय कुत्ता श्मषान में अथवा पत्थर पर पेषाब करता दिखे तो यात्रा कष्टमय हो सकती है, इसलिए यात्रा रद्द कर देनी चाहिए। गृहस्वामी के यात्रा पर जाते समय यदि कुत्ता उससे लाड़ करे तो यात्रा अषुभ हो सकती है।

• बिल्ली दूध पी जाए तो अपशकुन  होता है।

• यदि काली बिल्ली रास्ता काट जाए तो अपशकुन  होता है। व्यक्ति का काम नहीं बनता, उसे कुछ कदम पीछे हटकर आगे बढ़ना चाहिए।

• यदि सोते समय अचानक बिल्ली शरीर पर गिर पड़े तो अपशकुन  होता है।

• बिल्ली का रोना, लड़ना व छींकना भी अपशकुन है।

• जाते समय बिल्लियां आपस में लड़ाई करती मिलें तथा घुर-घुर शब्द कर रही हों तो यह किसी अपशकुन  का संकेत है। जाते समय बिल्ली रास्ता काट दे तो यात्रा पर नहीं जाना चाहिए।

• गाएं अभक्ष्य भक्षण करें और अपने बछड़े को भी स्नेह करना बंद कर दें तो ऐसे घर में गर्भक्षय की आषंका रहती है। पैरों से भूमि खोदने वाली और दीन-हीन अथवा भयभीत दिखने वाली गाएं घर में भय की द्योतक होती हैं।

• गाय जाते समय पीछे बोलती सुनाई दे तो यात्रा में क्लेशकारी होती है।

• घोड़ा दायां पैर पसारता दिखे तो क्लेश होता है।

• ऊंट बाईं तरफ बोलता हो तो क्लेशकारी माना जाता है।

• हाथी बाएं पैर से धरती खोदता या अकेला खड़ा मिले तो उस तरफ यात्रा नहीं करनी चाहिए। ऐसे में यात्रा करने पर प्राण घातक हमला होने की संभावना रहती है।

• प्रातः काल बाईं तरफ यात्रा पर जाते समय कोई हिरण दिखे और वह माथा न हिलाए, मूत्र और मल करे अथवा छींके तो यात्रा नहीं करनी चाहिए।

• जाते समय पीठ पीछे या सामने गधा बोले तो बाहर न जाएं।

पक्षियों का अपशकुन 

सारस बाईं तरफ मिले तो अशुभ फल की प्राप्ति होती है।

सूखे पेड़ या सूखे पहाड़ पर तोता बोलता नजर आए तो भय तथा सम्मुख बोलता दिखाई दे तो बंधन दोष होता है।

मैना सम्मुख बोले तो कलह और दाईं तरफ बोले तो अषुभ हो।

बत्तख जमीन पर बाईं तरफ बोलती हो तो अशुभ फल मिले।

बगुला भयभीत होकर उड़ता दिखाई दे तो यात्रा में भय उत्पन्न हो।

यात्रा के समय चिड़ियों का झुंड भयभीत होकर उड़ता दिखाई दे तो भय उत्पन्न हो।

घुग्घू बाईं तरफ बोलता हो तो भय उत्पन्न हो। अगर पीठ पीछे या पिछवाड़े बोलता हो तो भय और अधिक बोलता हो तो शत्रु ज्यादा होते हैं। धरती पर बोलता दिखाई दे तो स्त्री की और अगर तीन दिन तक किसी के घर के ऊपर बोलता दिखाई दे तो घर के किसी सदस्य की मृत्यु होती है।

कबूतर दाईं तरफ मिले तो भाई अथवा परिजनों को कष्ट होता है।

लड़ाई करता मोर दाईं तरफ शरीर पर आकर गिरे तो अशुभ माना जाता है।

लड़ाई करता मोर दाईं तरफ शरीर पर आकर गिरे तो अशुभ माना जाता है।

अपशकुनों से मुक्ति तथा बचावके उपाय

विभिन्न अपशकुनों से ग्रस्त लोगों को

निम्नलिखित उपाय करने चाहिए।

यदि काले पक्षी, कौवा, चमगादड़

आदि के अपशकुन  से प्रभावित हों तो अपने इष्टदेव का ध्यान करें या अपनी राषि के अधिपति देवता के मंत्र का जप करें तथा धर्मस्थल पर तिल के तेल का दान करें।

अपशकुनों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए धर्म स्थान पर प्रसाद चढ़ाकर बांट दें।

छींक के दुष्प्रभाव से बचने के लिए निम्नोक्त मंत्र का जप करें तथा चुटकी बजाएं।

क्क राम राम रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम जपेत्‌ तुल्यम्‌ राम नाम वरानने॥

अषुभ स्वप्न के दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए महामद्यमृत्युंजय के निम्नलिखित मंत्र का जप करें।

क्क ह्रौं जूं सः क्क भूर्भुवः स्वः क्क त्रयम्बकम्‌ यजामहे सुगन्धिम्‌ पुच्च्िटवर्(नम्‌ उर्वारूकमिव बन्धनान्‌ मृत्योर्मुक्षीयमाऽमृतात क्क स्वः भुवः भूः क्क सः जूं ह्रौं॥क्क॥

श्री विष्णु सहस्रनाम पाठ भी सभी अपषकुनों के प्रभाव को समाप्त करता है।

सर्प के कारण अषुभ स्थिति पैदा हो तो जय राजा जन्मेजय का जप 21 बार करें।

रात को निम्नोक्त मंत्र का 11 बार जप कर सोएं, सभी अनिष्टों से भुक्ति मिलेगी।

बंदे नव घनष्याम पीत कौषेय वाससम्‌। सानन्दं सुंदरं शुद्धं श्री कृष्ण प्रकृते

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