सचिन तेन्दुलकर की कामयाबी के पीछे कौन शख्स था, जाने
क्रिकेट : आज सचिन तेन्दुलकर की गिनती महान लोगो में की जाती है, ये सफलता उन्हें ऐसे नही मिली इसके पीछे बहुत से लोगो का हाथ है.
लेकिन कोई ना कोई होता है तो किसी कामयाब व्यक्ति के पीछे किसी न किसी का हाथ होता है तो अपनी कामयाबी के पीछे के राज उन्होंने खोले और बताया कि जब हम सब खेला करते थे तो सर पेड़ के पीछे खड़े होकर हमारा खेल देखा करते थे तथा बाद में हमारी गलतियों पर प्रकाश डालते थे । वो काफी मजाकिया किस्म के थे परन्तु वो सब पर पूरी नजर भी रखते थे।
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आपको बता दे कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने यह भी खुलासा किया कि रमाकांत आचरेकर (Ramakant Achrekar) ने ही सबसे पहले सचिन को मैच टैंपरामेंट से परिचित करवाया था।
सचिन ने अपनी बात कहते हुए बताया कि सर के मात्र एक थप्पड़ ने उनकी ज़िन्दगी बदल कर ही रख दी |
दरअसल हुआ कुछ यूं कि स्कूल खत्म करने के बाद सचिन हमेशा अपनी मौसी के घर लंच करने जाते थे तथा इसी बीच रमाकांत जी उनके लिए कुछ मैच ऑर्गनाइज करवाया करते थे। सचिन हमेशा सामने वाली टीम को बता देते थे कि वो चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे ।
इसी तरह एक दिन सचिन तेन्दुलकर मैच खेलने के बजाए वानखेड़े स्टेडियम में शारदाश्रम इंग्लिश मीडियम और शारदाश्रम मराठी मीडियम के बीच हैरिस शील्ड का फाइनल देखने चले गये थे।
वहां सचिन की नज़र उनके गुरु पर पड़ी तो वो उनसे मिलने चले गए ।
सचिन तेन्दुलकर से जब उनके गुरु ने आज के खेल में उनके प्रदर्शन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वो मैच छोड़कर अपनी टीम का हौसला बढ़ाने यहां उपस्थित हुए है।
जब सचिन को गुरु से पड़ा था थप्पड़
उनका इतना कहना था कि एक ज़ोरदार थप्पड़ ने उनके गालों को लाल कर दिया | थप्पड़ इतना ज़ोरदार था कि सचिन के हाथ से लंच बॉक्स छूट कर ज़मीं पर गिर गया और उसमे रखा सारा सामान फैल गया।
वे कुछ समझ पाते उससे पहले उनके गुरु ने कहा कि तुम्हें दूसरों के लिए तालियां नहीं बजानी हैं। ऐसा खेलो कि लोग तुम्हारे लिए तालियां बजाएं। यही वो दिन था जिस दिन ने सचिन को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने क्रिकेट के भगवान का रुतबा हासिल किया |