द्रौपदी के जीवन से जुडी ये सच्चाई जानने के बाद हैरान रह गए थे सभी पांडव भाई, आप भी जानिए
रोचक बातें : महाभारत तो आप सभी ने देखी होगी। महाभारत में द्रौपदी और उसके जीवन से जुड़े अध्याय के बारे में आज हम आपको बताएंगे। आज की पोस्ट में हम आपको द्रौपदी के जीवन से जुड़ी एक दिलचस्प बात बताएंगे। जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। आइए जानते हैं। द्रौपदी की यह सच्चाई जानने के बाद हैरान रह गए थे सभी पांडव, आप भी जानिए।
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महाभारत में जब पांडव और द्रौपदी को 12 वर्ष के अज्ञातवास के लिए भेजा गया तो 1 दिन द्रौपदी ने भूख लगने पर जामुन के पेड़ पर लगे हुए 1 गुच्छे को तोड़ लिया। लेकिन द्रौपदी नहीं जानती थी कि जामुन के गुच्छे से 12 साल से तपस्या कर रहे ऋषि अपना उपवास तोड़ने वाले थे। भगवान श्री कृष्ण ने आकर जब यह बात द्रौपदी को बताई तो द्रौपदी को बहुत ज्यादा पछतावा होने लगा। और वह श्री कृष्ण जी से ऋषि के क्रोध से बचने का उपाय पूछने लगी। श्री कृष्ण जी ने कहा कि अगर आप ऋषि के श्राप से बचना चाहते हैं तो अपने जीवन के सभी सच मुझे बताएं। इसके बाद हर कोई अपने जीवन का सच बताने लगा।
1. युधिष्ठिर के जीवन का सच
युधिष्ठिर ने बताया कि संसार में सत्य और धर्म की स्थापना होनी चाहिए। और असत्य और अन्याय का विनाश हो जाना चाहिए। युधिष्ठिर ने कहा कि पांडवों के साथ अन्याय और बुरा हो रहा है। इसके लिए केवल द्रौपदी जिम्मेदार है।
2. भीम के जीवन का सच
भीम ने बताया कि उन्हें अपना खाने, नींद और युद्ध से बहुत प्यार है। और मौका मिलने पर वह दुष्ट राष्ट्र के सभी पुत्रों को मार कर आएंगे। लेकिन अपनी गदा का अपमान नहीं होने देंगे।
3. अर्जुन के जीवन का सच
अर्जुन ने बताया कि मुझे अपनी प्रतिष्ठा और समृद्धि से बहुत प्यार है। मैं युद्ध में कर्ण को मारना चाहता हूं। और जब तक मार नहीं देता मैं शांति से नहीं बैठूंगा।
4. नकुल और सहदेव का सच
नकुल और सहदेव ने जब अपने जीवन से जुड़ी सच्चाई श्री कृष्ण जी को बताई तो जामुन के गुच्छे वापस पेड़ पर चले गए।
5. द्रौपदी के जीवन का सच
जब सच बताने की बारी द्रौपदी की आई तो द्रौपदी ने बताया कि मेरे पांचों पति मेरे शरीर के आंख, कान, नाक, मुंह और शरीर के समान है। लेकिन मैं अपने भाग्य से बहुत परेशान हूं। और मुझे समझ नहीं आ रहा है इनके साथ जीवन कैसे व्यतीत करूंगी।
द्रौपदी की यह बात सुनने के बाद जामुन का गुच्छा पेड़ पर नहीं लगा। इसके बाद सभी पांडव द्रौपदी की ओर देखने लग गए हैं। इसके बाद द्रौपदी ने अपने जीवन की सच्चाई बताई।
द्रौपदी ने बताया कि पांचों पतियों के अलावा वह कर्ण से भी प्रेम करती है। वह कर्ण से शादी करना चाहती थी। लेकिन जाति अलग होने के कारण उसका विवाह कर्ण के साथ नहीं हो सका। अगर वह कर्ण से विवाह कर लेती तो इतने दुख नहीं भोगने पड़ते। ऐसा कहने पर जामुन का गुच्छा पेड़ पर लग गया।