भीगी मूंग दाल खाने का सही तरीका और समय, जानकर होगी हैरानी.
भीगी की दाल स्वाद और सेहत के लिये महत्वपूर्ण है. मुंग दाल में फायबर और प्रोटीन ज्यादा है इसके सेवन से हंगर हार्मोन प्रभावित होता है. एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित मुंग दाल में पोषक तत्व होते है और ये पोषक तत्व सेहत के लिये बहुत जरुरी है. फेनोलिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स, कार्बनिक एसिड, लिपिड, अमीनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीहाइपरटेंसिव, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीडायबिटिक, एंटीट्यूमर ये सभी गुणो के कारण कही बिमारीया दूर होने में मदत मिल सकती है.
इन्सान को अधिक गर्मी के कारण हीटस्ट्रोक की समस्या हो सकती है. शरीर में अधिक गर्मी होने के कारण द्रव्य पदार्थों के कम सेवन शरीर में पानी की कमी इस के कारण हीटस्ट्रोक होने की समस्या ज्यादा होती है. मुंग की दाल में विटेक्सिन, आइसोविटेक्स नाम का घटक होता है जिस में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव मौजूद होता है. मुंग के दाल में हीटस्ट्रोक कम करणे की समता होती है इसलिये मुंग के दाल का सेवन जरूर करे.
गर्भवती महिलाओ को डॉक्टर अक्सर फोलेट युक्त पदार्थ खाने की सलाह देते है और ये फोलेट मुंग 100 ग्राम दाल में 625 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा पाई जाती है. भ्रूण के विकास के लिए फोलेट फायदेमंद है गर्भावस्था में अक्सर महिलाओ को फोलेट की कमतरता होती है इसलिये मुंग की दाल सेवन करे ध्यान रहे कच्चे मुंग न खाये इससे पेट खराब हो सकता है. अक्सर गर्भवती महिलाये मुंग को उबालकर खाये.
शुगर का स्तर बढने के कारण रक्त में शुगर बढता है. एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में पाया गया है की मुंग दाल के अंदर एंटीऑक्सीडेंट और एंटीडायबिटिक गुण पाये जाते है. यह गुण रक्त में पाये ग्लूकोज शुगर को कम करणे में मदत कर सकते है. अगर कोई शुगर से ग्रस्त है एैसे लोग मुंग की दाल का सेवन करे और मुंग को रात्रभर पानी में भिगोकर उसे मोड आने के बाद प्यास, धनिया, मिर्ची, नमक मिलाकर फ्राय करे और वह मुंग सेवन करे इस प्रयोग से शुगर कंट्रोल में आता है.