भारत की सबसे ऊंची मूर्तियों के बारे में जानकर आप हैरान रह जायेंगे
भारत की संस्कृति में धर्म का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है. भारत एक ऐसा देश है जहां हिंदू सर्वाधिक रहते है. भारत में जितने मंदिर है उतने किसी और देश में नहीं है. यहां सालों से मूर्तियों को ईश्वर प्रतीक माना जाता है. भारतीय लोगों का इन मूर्तियों पर अटूट विश्वास है.
भारत में हर आकार प्रकार की मूर्तियां मिलती हैं. कुछ मूर्तियां इतनी छोटी होती हैं कि इन्हें आप छोटी सी डिब्बिया में रख सकते है तो कुछ मूर्तियां इतनी बड़ी है की उसको आप मीलों दूर से भी देख सकते है. आज हम कुछ ऐसी ही विशालकाय मूर्तियों के बारे में बात करेंगे.
वीर अभया अंजनेया स्वामी, आंध्र प्रदेश
ये मूर्ति इस मूर्ति महानतम राम भक्त भगवान हनुमान की एक विशाल प्रतिमा है. जो आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा के पास परिताला शहर में बनाई गयी है. इस मूर्ति की ऊंचाई १३५ फुट है. हनुमान जी की इस प्रतिमा को भारत की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया गया है. इस मूर्ति को २००३ में बनाया गया था.
पद्मसंभव की मूर्ति, मंडी हिमाचल प्रदेश
पद्मसंभव का अर्थ होता है कमल से पैदा हुआ. पद्मसंभव नाम के एक साधु थे. जिन्होंने आठवीं सदी में बौद्ध धर्म का प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वहाँ उनको गुरू रिन्पोछे के नाम से भी जाना जाता है. पद्मसंभव की मूर्ति हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में प्रसिद्ध रेवालसर झील के पास बनाया गया था. इस मूर्ति की ऊंचाई १२३ फुट है.
मुरुदेश्वर भगवान, कर्नाटक
भगवान शिव की इस विशाल मूर्ति को दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड़ जिले के मुरुदेश्वर शहर में बनाया गया है. मुरुदेश्वर का नाम भगवान शिव के नाम पर पड़ा है. यह बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है. मुरुदेश्वर सागर तट कर्नाटक के सबसे खूबसूरत तटों में से एक मन जाता है. पर्यटकों के लिए यहाँ आना दोगुना लाभप्रद साबित होता है. जहां एक ओर जहां इस धार्मिक स्थल के दर्शन होते है और वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक सुन्दरता का आनंद भी उठा सकते है. इस मूर्ति की ऊंचाई १२२ फुट है.
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