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4 करोड़ का दहेज ठुकरा सिर्फ 1 रूपये लेकर दूल्हे ने जो कहा, जानकर आपको भी होगा गर्व

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जानकर आपको भी होगा गर्व: मशहूर हस्तियों की महंगी शादियां काफी सुर्खियों में रहती हैं और अक्सर उन पर सवाल भी उठते हैं। इसी बीच हरियाणा में एक ऐसी शादी हुई है जिसकी काफी तारीफ की जा रही हैं। खासतौर से दूल्हे ने शादी से पहले जो मांग रखी, उसके संबंध में कहा जा रहा है कि अब समाज को ऐसे मामलों पर गंभीरता से सोचना चाहिए।

दरअसल, यह शादी सिर्फ 1 रुपए में पूरी हो गई। इसके लिए न​ किसी बाजे की धूम थी और न किसी किस्म की फिजूलखर्ची। दूल्हा अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ बारात लेकर आया और उसने बिना किसी दहेज या नकदी के शादी की। शादी की कुछ तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं, जिसके बाद इस दंपती को देश-विदेश से बधाइयां मिल रही हैं।

हरियाणा के सिरसा स्थित आदमपुर इलाके में हुई यह शादी समाज के लिए कई संदेश छोड़ गई। दूल्हा बने बलेंद्र ने शादी से पहले ही ये 4 शर्तें रख दी थी। पहला शर्त थी बैंड-बाजा नहीं बजेगा, दूसरा पंडित नहीं बुलाया जाएगा, तीसरा दहेज़ नहीं लिया जाएगा और चौथा कन्यादान की रस्म सिर्फ एक रूपये व नारियल देकर पूरी की जाए। इतना ही नहीं, दूल्हे ने तो यहाँ तक कहा कि “उन्होंने अपनी लड़की दे दी यही बहुत हैं।” इस पर दुल्हन कांता और उनके परिजन सहमत हो गए।

इससे पहले लड़की के परिजन दूल्हे को 4 करोड़ रुपए दहेज के रूपये में देने वाले थे लेकिन, जब बलेंद्र अपने गिने-चुने रिश्तेदारों के साथ बारात लेकर आए तो उन्होंने भेंट के तौर पर एक रुपया और नारियल स्वीकार किया। बारात में ना तो कोई बैंड-बाजा था और न ही कोई भारी-भरकम सजावट की गई। इस शादी पर स्थानीय लोगों ने कहा है कि यदि समाज में हर परिवार ऐसी पहल करे तो न केवल हालात बेहतर होंगे बल्कि, बेटियों की शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया जा सकेगा।

बताया जाता हैं कि दूल्हा बलेंद्र “चूली खुर्द” गाँव का रहने वाला हैं। उनके पिता का नाम छोटूराम खोखर और माता का नाम संतोष हैं। वहीं, भजनलाल की पुत्री कांता खैरमपुर ​से हैं। दूल्हा-दुल्हन उच्च शिक्षित हैं। कांता जीएनएम का कोर्स कर चुकी हैं। बलेंद्र के इस फैसले से दोनों परिवार बहुत खुश हैं। बलेंद्र ने अपने गांव में भी शादी को लेकर कोई दिखावा नहीं किया। साथ ही रिश्तेदारों से किसी किस्म का उपहार या नेग भी स्वीकार नहीं किया गया। सिर्फ एक रुपया और नारियल के साथ शादी संपन्न हुई।

दोस्तों, दूल्हा बलेंद्र के इस सोच को लेकर आपकी क्या राय हैं, कमेंट कर हमें जरूर बताएं। साथ ही पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

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