पहली बार मां बनने वाली महिलाएं न करें ये गलतियां, बच्चे की परवरिश पर पड़ सकता है बुरा असर
घर में बच्चे के जन्म लेते ही परिवार पूरा नहीं होता बल्कि उसके प्रति माता-पिता की कई जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। खासकर तब जब आप पहली बार मां बनी हों। नवजात शिशु बहुत नाजुक होता है। इसे बहुत देखभाल के साथ-साथ प्यार और स्नेह की जरूरत होती है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण छोटे बच्चे आसानी से बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। समस्या तब और बढ़ जाती है जब पहली बार मां बनने वाली मांओं को नवजात शिशु के पालन-पोषण से जुड़ी हर चीज की जानकारी नहीं होती है। ऐसे में अगर आप पहली बार मां बनी हैं तो नवजात शिशु की देखभाल से जुड़ी इन बातों का विशेष ध्यान रखें
नवजात शिशु की देखभाल करते समय इन बातों का ध्यान रखें-
स्वच्छता
नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण वह जल्दी ही बीमारियों की चपेट में आ जाता है। ऐसे में बच्चे और उसके आसपास की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। अगर कोई बच्चे को गोद में उठा ले तो अपने हाथ अच्छी तरह धोकर बच्चे को उठा लें। इसके अलावा बच्चे को बीमार व्यक्ति से दूर रखें, खुद को या किसी और को बच्चे को चूमने न दें। शिशु के लिए अधिक सुगंधित उत्पादों का उपयोग न करें। यह शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।
समय पर टीकाकरण
बच्चे को बीमारियों से दूर रखने के लिए समय-समय पर टीकाकरण बेहद जरूरी है। आपको बच्चे का एक भी टीका नहीं छोड़ना चाहिए, डॉक्टर द्वारा बताए गए टीके को नियमित अंतराल पर लें।
बच्चा रोता है
अक्सर शिशु के रोने का संबंध भूख और नींद से होता है। लेकिन एक नई मां को यह समझना चाहिए कि बच्चे के रोने के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। जरूरी नहीं है कि बच्चा हर बार भूख या नींद की वजह से रोए। ऐसे में मां को सतर्क हो जाना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि बच्चा क्यों रो रहा है। कई बार गीलापन और शूल के कारण भी शिशु रोता है। लंबे समय तक डायपर पहनने के बाद भी शिशु बेचैनी के कारण रोने लगता है।
बच्चे की मालिश
आपको बच्चे के विकास और देखभाल के लिए रोजाना बेबी ऑयल से बच्चे की मालिश करनी चाहिए। इससे बच्चे की हड्डियां मजबूत होंगी। आप दिन में दो बार बच्चे की मालिश कर सकती हैं। ऐसा करते वक्त ध्यान रखें कि बच्चे की मालिश हल्के हाथों से ही करें।
मातृ एवं शिशु पोषण
नवजात शिशु पूरी तरह से मां के दूध पर निर्भर होता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि मां का आहार संतुलित और पौष्टिक हो। एक मां को अपने खान-पान का खास ख्याल रखना चाहिए ताकि इसका असर बच्चे पर बुरा न पड़े। स्तनपान कराने वाली मां को अपने आहार में सूखे मेवे, दलिया जैसे पौष्टिक आहार शामिल करने चाहिए। ताकि बच्चे के लिए पर्याप्त दूध उपलब्ध हो सके