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क्यों मिट्टी के घड़े का पानी RO के पानी से भी ज्यादा स्वच्छ होता है 

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इसका तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है जो ठंडक तो देता ही है, चयापचय या पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है आज हम आपको मटके का पानी पीने के यह बेशकीमती फायदे बताने जा रहे है

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एसिडिटी का मुख्य कारण है पाचन ठीक से नहीं होना लेकिन मटके के पानी में उपस्थित प्राकृतिक मिनिरल्स एसिडिटी होने से बचाव करते हैं।

अक्‍सर ठंडा पानी पीने से गला खराब हो जाता है लेकिन वहीं अगर आप घडे़ का पानी पीते हैं आपका गला हमेशा ठीक रहेगा ठंडा पानी पीने से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक गिर जाता है जिससे परेशानियां पैदा हो जाती हैं।

जैसा कि सब जानते हैं मटके का पानी कुदरती तरीके से ठंडा होता है अतः इसका सेवन करने से दिल की बीमारियां नहीं होती।

अक्सर ऐसा होता है कि हम गर्मी में बाहर से आकर फ्रिज का ठंडा पानी पी लेते हैं और इस वजह से सर्दी-ज़ुकाम जैसी बीमारियों से घिर जाते हैं तो अगर सर्दी या कफ़ से बचना है तो मटके के पानी का इस्तेमाल करें।

इसमें मृदा के गुण भी होते हैं जो पानी की अशुद्ध‍ियों को दूर करते हैं और लाभकारी मिनरल्स प्रदान करते हैं शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहती बनाने में यह पानी फायदेमंद होता है।

इस पानी का पीएच संतुलन सही होता है मिट्टी के क्षारीय तत्व और पानी के तत्व मिलकर उचित पीएच बेलेंस बनाते हैं जो शरीर को किसी भी तरह की हानि से बचाते हैं और संतुलन बिगड़ने नहीं देते

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