हनुमानजी को सिंदूर क्यों लगाया जाता है? बजरंग बली का नाम कैसे पड़ा? कहानी दिलचस्प
नई दिल्ली: एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार हनुमानजी ने माता सीता को सिंदूर लगाते हुए देख लिया और पूछा कि सिंदूर क्यों लगा रही हो? तो माता सीता ने कहा कि यह सुहाग का प्रतीक है। संकटमोचक हनुमानजी के भक्तों की संख्या असंख्य है। लोग मंगलवार और शनिवार का व्रत रखते हैं जो हनुमान जी को समर्पित है। वे उसकी पूजा करते हैं। ऐसा करने से हनुमानजी अपने भक्तों के सारे संकट दूर कर देते हैं। हनुमान जी के कई नाम हैं। जिनमें से एक हैं बजरंगबली। हनुमानजी के बजरंगबली नाम के पीछे भी एक पौराणिक कथा है।
बल और बुद्धि के देवता हनुमानजी बहुत शक्तिशाली हैं। उसने एक हाथ से पूरे पहाड़ को उठा लिया। पुराणों के अनुसार इनका पूरा शरीर वज्र के समान है, इसलिए इन्हें बजरंग बली कहा जाता है। तो एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार हनुमानजी ने माता सीता को सिंदूर लगाते हुए देख लिया और पूछा कि सिंदूर क्यों लगा रही हो? तो माता सीता ने कहा कि यह सुहाग का प्रतीक है। वह अपने पति श्रीराम की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सिंदूर भरती हैं।
और हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर में सिंदूर लगाया…
माता सीता की बात सुनकर हनुमान जी ने सोचा कि जब केवल सेंठे में सिंदूर लगाने से भगवान को इतना लाभ होता है, तो मैं पूरे शरीर में सिंदूर लगाऊंगा, जिससे भगवान श्री राम अमर हो जाएंगे। हनुमान जी को पूरे शरीर में सिंदूर लगाए देखकर प्रभु श्री राम इसका कारण पूछते हैं। जब हनुमानजी कारण बताते हैं तो भगवान यह जानकर बहुत प्रसन्न होते हैं। तब वे हनुमानजी से कहते हैं कि आज से तेरा नाम भी बजरंगबली होगा। बजरंगबली दो शब्दों से मिलकर बना है। बजरंग का अर्थ है केसर और बली का अर्थ है शक्तिशाली। तभी से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की प्रथा चली आ रही है। इससे उन्हें बहुत खुशी होती है।
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