शगुन के काम में सब से पहले क्यूँ लगाई जाती है हल्दी क्या है इसका महत्व
हल्दी का रंग जैसा पीला और चमकदार है वैसे ही हमारे जीवन में भी उसी तरह चमक आती है। शगुन के काम में हल्दी को सर्वप्रथम प्राथमिकता दी जाती है। शादी का काम हो व घर बनाने के लिए न्यू खुदी जा रही हो उसमें हल्दी व सुपारी जरूर डाला जाता है। शादी के काम में यदि हल्दी का नाम ना लिया जाए तो शादी अधूरी लगती है। शादी में दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाने का कारण है।
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नए घर की शुरुआत हल्दी के हाथों से
जब नया घर बनाते हैं और उसमें जाने के पहले पूजा की जाती है। पूजा करने के लिए सबसे पहले पंडित जी हमें हल्दी को पानी में भीगा कर उसे दोनों हाथों से सारे घरों में हल्दी का हाथा लगाते हैं। यह मान्यता है कि इन हाथों के द्वारा लक्ष्मीजी का वास होता है और हल्दी में बहुत बड़ी शक्ति है, इससे कोई बुरी नजर बाहर की अंदर नहीं आती इसलिए नए घर में प्रवेश करने के पहले हल्दी के हाथे लगाए जाते हैं, उसके बाद घर की चौखट में प्रवेश किया जाता है।
शगुन की हल्दी लगाएं वर-वधु को
शादी की शुरुवाती हल्दी लगाने से ही चालू होती है। वर वधु दोनों को अपने-अपने नियम से हल्दी लगाई जाती है। हर जात में हल्दी का बहुत बड़ा महत्व है। हल्दी लगाने का अर्थ यह होता है कि दोनों वर-वधु ताकतवर हो, उन्हें अब एक नई जिम्मेदारी उठाना है और इससे उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा, रोगों से लड़ने की क्षमता भी हल्दी में बहुत रहती है।
वधु को हल्दी लगाने का महत्व
वधु को हल्दी इसलिए लगाई जाती है, क्योंकि वह एक घर से निकल के दूसरे घर की शोभा बनने जाती है, इससे उसके शरीर की चमक, चेहरे की चमक बहुत अधिक दिखती है व हल्दी में बहुत अधिक ताकत होती है, हल्दी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक रहती है जिससे उसका शरीर मजबूत रहें व स्वस्थ रहे।
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