महिलाऐं शादी के बाद अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं और इसका रहस्य क्या है,
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जब शादी होती है तो, शादी के मंडप में लड़का लड़की की मांग में सिंदूर भरता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका क्या कारण है और यह लाल रंग का सिंदूर लड़का लड़की की मांग में क्यों लगाता है और महिलाऐं शादी के बाद अपनी मांग में सिन्दूर क्यों लगाती हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में। हमारे भारत में यह परम्परा है कि शादी के समय मंडप में लड़का लड़की की मांग में सिंदूर भरकर लडक़ी को अपनी पत्नी मान लेता है और उस दिन के बाद लड़की प्रतिदिन अपनी मांग में सिंदूर लगाती है।
शास्त्रों के अनुसार सिंदूर का महत्व शादीशुदा लड़कियों के लिए मंगलसूचक माना गया है। एक तरह से कहा जाए तो यह सिंदूर लड़की के रूप सौंदर्य को बढ़ाने में भी सहायक होता है।लेकिन शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना गया है कि शादी शुदा महिलाऐं अपनी मांग में सिंदूर अपने पति की लंबी आयू के लिए लगाती हैं। और इसीलिए कुंवारी लड़कियों के लिए एवं विधवा स्त्रियों के लिए इसका लगाना मना है।
वैज्ञानिक रहस्यों के अनुसार मांग में जिस स्थान पर सिंदूर लगाया जाता है वह स्थान पूर्ववर्ती नामक दिल के ठीक ऊपर का भाग होता है और देखा जाए तो पुरुषों की तुलना स्त्रियों के शरीर का यह स्थान बहुत ही कोमल होता है और सिंदूर में एक धातु पाई जाती है जो शरीर को विधुत्तीय ऊर्जा को नियंत्रण करने का काम करती है।
वैज्ञानिको का ऐसा मानना हैं कि शादी शुदा महिलाओं को इसलिए सिंदूर लगाना लगाना जरुरी है कि यह उस मर्म बिंदु केंद्र को बाहरी साइड इफेक्ट से बचाता है।