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मुस्लिम सुवर को हराम क्यों मानते हैं नाम लेने से 40 दिन दुआ क़ुबूल नही होती है या 40 दिन ज़वान नापाक रहती है

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 दुआ क़ुबूल क्या आपने यह बात सोची है कि आखिर मुस्लिम लोग सुवर से इतना दूर क्यों भागते हैं और इसे हराम क्यों मानते हैं और इसे देखना तक भी पसंद नहीं करते तो आज हम आपको बताने वाले हैं इसके कुछ तथ्य जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे मुस्लिम जाति के अनुसार उनके लिए सूअर को देखना तक हराम है और इसे यदि कोई व्यक्ति कहता है तो वह अपवित्र हो जाता है इसलिए सूअर का नाम तक लेने में कतराते हैं ।

Why do Muslims consider suvar as haram, 40 days of blessing is not acceptable or 40 days of life is bad?

40 दिन दुआ क़ुबूल नही होती है या 40 दिन ज़वान नापाक रहती है इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क

Why do Muslims consider suvar as haram, 40 days of blessing is not acceptable or 40 days of life is bad?

विज्ञान के अनुसार सूअर एकमात्र ऐसा प्राणी है जिसे पसीना नहीं आता और जिसके कारण उसके शरीर से टॉक्सिन बाहर नहीं निकल पाते और उसका शरीर काफी जहरीला होता है यदि कोई व्यक्ति इसका मांस खाता है तो उसका शरीर भी जहरीला हो जाता है और कई प्रकार की बीमारियां उसके शरीर को हो जाती हैं इसलिए सूअर का मांस नहीं खाना चाहिए यानी कि कहीं ना कहीं मुस्लिम इस वैज्ञानिक तर्क को जानते हैं कि सूअर का सेवन इंसान के शरीर के लिए नुकसानदायक है इसलिए इस्लाम में भी इसे खाने के लिए मना किया गया है मुसलमानों को अल्लाह ने उत्तम दर्जे का विज्ञान दिया है, जिन बातो को आज विज्ञान हमे सिखा रहा है, मुसलमान उन्हें बहुत पहले से ही जानते हैं, क्यूंकि आज के वैज्ञानिक दौर में हम कह सकते हैं के कौन सी चीज हमारे लिए अच्छी है।

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