मुस्लिम लड़कियां पर्दा क्यों करती हैं ? इसके पीछे की सच्चाई आपको भी कर देगी हैरान देखें
इस्लाम औरतों को यह हुक्म देता है कि वह पर्दे में रहे और अपने पति के सिवा किसी गैर पुरुष के सामने अपनी खूबसूरती की नुमाइश न करे। क्यों इस्लाम में सिर्फ औरतों को ही पर्दा करने का हुक्म दिया, क्यों सारी पाबंदियां सिर्फ औरतों के लिए ही है। क्यों मर्दों को पर्दा करने का हुकुम नहीं दिया गया, लगता है इस्लाम एक रूढ़िवादी और पुराना धर्म है।
कुछ अज्ञानी लोग इस्लाम को बिना जाने इस तरह के सवाल किया करते हैं। हालांकि इससे इस्लाम को जरा भी फर्क नहीं पड़ता क्योंकि यह तार्किक, सामाजिक और वैज्ञानिक कसौटियों पर खरा उतरता है। इसके बावजूद इन बेतुके सवालों का जवाब देना जरूरी है ताकि इसकी सच्चाई आप तक पहुंच सके।
दरअसल सच्चाई यह है कि इस्लाम में केवल औरतों को ही नहीं बल्कि पुरुष को भी पर्दा करने का हुक्म दिया गया। कुरान ए पाक में अल्लाह ने पुरुषों को यह है हुक्म दिया है कि वह अपने निजी अंग की हिफाजत करें और अपनी नजरें नीचे करके रखें, इसी में उसकी भलाई है।
अब कुछ लोग यह सोच रहे होंगे कि पुरुष के नजर नीचे रखने से पर्दा कैसे हुआ ? तो आइए दोस्तों, इस सवाल का जवाब हम लोग विज्ञान से ही पूछ लेते हैं। क्योंकि कुछ लोग इस्लाम में बताई गई बातों पर विश्वास नहीं करते हैं। हालांकि विज्ञान में जो भी बातें आज बताई जा रही हैं वह इस्लाम ने 15 सौ साल पहले ही बता दिया था।
अमेरिका की एक प्रसिद्ध मानव विज्ञानी जिनका नाम हेलेन फिशर है, वो पिछले 30 सालों से यूके यूनिवर्सिटी में विज्ञान की प्रोफेसर हैं और मानव व्यवहार पर अध्ययन कर रही हैं। अपने अध्ययन के अनुसार उन्होंने यह बताया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कुछ ऐसे हॉर्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर पाए जाते हैं। जो बिना पर्दे वाली महिला को देख कर सक्रिय हो जाते हैं। ऐसा केवल मनुष्य में ही नहीं बल्कि पक्षी और जानवरों में भी देखा गया है कि वे मादा को आकर्षित करने के लिए हिंसक हो जाते हैं। हेलन के इस तर्क से यह बात साफ हो जाती है कि महिलाओं का पर्दा करना और मर्दों का नजरों को झुका कर चलना सामाजिक कसौटी पर खरा उतरता है।
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