हमारी आंखें पर क्यों चढ़ता है चश्मा! बहुत से लोगो को नहीं पता
चश्मा हटाने के बारे में जानने से पहले हमें यह समझना होगा कि आंख काम कैसे करती है और नजर कैसे कमजोर होती है।
कैसे काम करती है आंख
आंख जब किसी चीज को देखती है तो उस चीज से रिफ्लेक्ट होनेवाली रोशनी आंख की कॉनिर्या के पीछे मौजूद नैचरल लेंस से गुजरकर रेटिना पर फोकस होती है।
रेटिना नर्व्स का बना होता है।
सामान्य आंख में इसी पर आकर उस चीज की इमेज बनती है।
इसके बाद ये र्नव्स उस इमेज के संकेत दिमाग को भेज देती हैं।
दिमाग चीज को पहचान लेता है।
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नॉर्मल आंख
जब किसी चीज की इमेज सीधे रेटिना पर बनती है, तो हम उस चीज को साफ-साफ देख पाते हैं और माना जाता है कि नजर ठीक है।
मायोपिया या निकट दृष्टि दोष : जब कभी चीज की इमेज रेटिना पर न बनकर।
उससे पहले ही बन जाती है तो चीज धुंधला दिखाई देने लगती हैं। इस स्थिति को मायोपिया कहा जाता है।
इसमें आमतौर पर दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं। चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर इस स्थिति में सुधार किया जाता है।
मायोपिया कई मामलों में शुरुआती छोटी उम्र में भी हो सकता है।
यानी 6 साल के आसपास भी मायोपिया आ सकता है।