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कार कंपनियां खुद क्यों रिकॉल करती हैं अपनी गाडिय़ां, कमाती हैं इतना मुनाफा

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अक्सर देखा जाता है कि कार बनाने वाला कोई ब्रांड अपनी कारों को रिकॉल करता है। यानी यह बाजार में बिकने वाले अपने टैक्स को वापस बुला लेता है। जिस तरह महिंद्रा ने हाल ही में अपनी एक्सयूवी 700 की कुछ यूनिट्स को रिकॉल किया है, उसी तरह मारुति ने अपनी कुछ चुनिंदा कारों को रिकॉल किया है। इसी तरह, कई कंपनियां अपने वाहनों को कुछ मुद्दों का पता लगाने के बाद वापस बुलाती रहती हैं,

इस प्रक्रिया की सबसे अच्छी बात यह है कि यह ग्राहकों के लिए पूरी तरह से मुफ्त सेवा है। यानी इसका पूरा खर्चा कंपनी खुद वहन करती है। जिससे उन्हें काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कंपनियां ऐसा क्यों करती हैं और ऐसा करने के लिए उन पर क्या नियम लागू होते हैं। अगर नहीं! तो आइए जानते हैं कि भारत में कार रिकॉल को लेकर क्या नियम हैं।

रिकॉल प्रक्रिया क्या है?

जब एक कार निर्माता को अपने किसी वाहन में निर्माण दोष के बारे में पता चलता है, तो वे बिना किसी सरकारी आदेश के स्वेच्छा से प्रभावित इकाइयों को वापस बुला लेते हैं। जिसमें कार में आई समस्या को दूर कर ग्राहकों को लौटाया जाता है। कार को रिकॉल करने की इस प्रक्रिया को रिकॉल कहा जाता है।

क्या हैं रिकॉल को लेकर नियम

मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक, वाहन रिकॉल कानूनी दायरे में आता है। इसमें सरकार के पास यह शक्ति है कि वह कंपनी को अपने वाहनों को वापस बुलाने या प्रभावित वाहनों को पूरी तरह से बदलने का आदेश दे सकती है। साल 2019 तक ऐसा कोई नियम नहीं है। लेकिन वाहन निर्माताओं ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के निर्देशों का पालन करते हुए स्वेच्छा से इसे शुरू किया। लेकिन अगर किसी वाहन से पर्यावरण को नुकसान या उपभोक्ताओं को नुकसान होने की संभावना है, तो सरकार कंपनी को इसे वापस बुलाने के लिए कह सकती है, ऐसा न करने पर कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

कंपनियां खुद रिकॉल करती हैं

अगर किसी गाड़ी में कोई दिक्कत आती है तो कंपनियां खुद उन्हें वापस बुला लेती हैं। जिससे उन्हें भारी भरकम जुर्माने के साथ कोर्ट नहीं जाना पड़े। साथ ही कंपनी पर ग्राहकों का विश्वास भी बढ़ता है, जिससे बाजार में कंपनियों की छवि खराब नहीं होती है।

उपभोक्ता रिकॉल की मांग भी कर सकते हैं

यदि किसी ग्राहक का वाहन सात वर्ष से अधिक पुराना नहीं है और उसे अपने वाहन में कोई समस्या आती है तो वह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की परिवहन वेबसाइट के रिकॉल पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है, जिसके बाद उसकी शिकायत की जाएगी। निवारण किया जाए। अगर पाया जाता है, तो कंपनी निरीक्षण और मरम्मत के लिए वाहन को वापस बुला सकती है

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