पैदा होते ही बच्चा क्यों रोने लग जाता है , जानें इसका राज़ आज
बच्चा के फेफड़े में एमनीओटिक फ्रूट भरा होता है यह वह पानी होता है जो मां के पेट में बच्चे को सही रखता है जो फेफड़ों में ऑक्सीजन की चेंजिंग में रोक बना होता है। इसलिए इस पानी को फेफड़ों से निकालने के लिए जरूरी है कि बच्चा जोर जोर से रोए और चिल्लाए तब यह पानी बाहर निकल पाता है अगर यह पानी बाहर नहीं निकल पाया तो बच्चा रोएगा नहीं और बच्चा मुश्किल ही अच्छी तरह से स्वस्थ रह पाएगा।
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आपने सभी ने लगभग यह देखा होगा कि जब बच्चा जन्म लेता है तब बहुत तेज होता है
तो आसपास के लोगों को यह मालूम पड़ जाता है कि बच्चे का जन्म हो चुका है
और सब लोग खुशी मनाने लगते हैं अगर बच्चा जन्म लेता है और बिल्कुल भी रोता नहीं है
उसकी आवाज नहीं निकलती है तो खुशी की जगह हमें बहुत दुखी होना पड़ता है क्योंकि बच्चा बहुत नाजुक स्थिति में होता है
उसका बचना असंभव हो जाता है जो उसके फेफड़ों में एमनीओटिक फ्रूट नाम का जो पानी भरा होता है
वह बाहर नहीं निकल पाता है इसलिए बच्चा मुश्किल ही अच्छी सी रह पाता है।
बच्चे जन्म लेते ही क्यों रोने लगते हैं ? जाने इसका पूरा राज
बच्चे के फेफड़ों में एम नॉट इंक्लूड वह पानी होता है जो मां के पेट में बच्चे को सही रखता है जो फेफड़ों में ऑक्सीजन की चेंजिंग में रोक बना होता है
इसलिए इस पानी को फेफड़ों से निकालने के लिए जरूरी है कि बच्चा जोर जोर से चिल्लाए
और रॉय बच्चे के चिल्लाने की वजह से एंबोटिक्स फ्रूट का पानी फेफड़ों से निकल जाता है
और बच्चा आराम से सांस लेने लगता है
और हंसने लगता है बच्चा जन्म लेने के बाद
बिल्कुल ना रोए तो आप यह मान लो कि बच्चे के फेफड़ों में एमनीओटिक फ्रूट नाम का वह पानी बाहर नहीं निकल सकता है
और बच्चा आराम से ऑक्सीजन नहीं ले सकता है इसकी वजह से बच्चा की मृत्यु भी हो सकती है।