कहाँ हुआ था हाई हील का अविष्कार, कैसे बनी ये महिलाओं की पसंद
आज हम बात करेंगे हाई हील के सेंडिल के बारे में। हाई हील पहनने की शुरुआत कब हुआ और यह कैसे महिलाओं की पहली पसंद बना।
हाई हील पहनने के कग अपने कायदे होते हैं। मसलनहाई हील पहनकर गीली जमीन, पहाड़ या पथरीली सड़क पर आराम से नहीं चला जा सकता। ऐसे में यह साफ हो जाता की इन्हें किसी खास मकसद के लिए ही बनाया गया होगा।
ऊंची हील के जूतों को सदियों से घड़सवारी के जूतों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। जब घुड़सवार दाड़ते हुए घोड़े से तीर का निशाना लगाते थे तो यही जूते उसे घोड़े के रकाब पर पकड़ देती थी। जब 1595 में पर्शिया के शाह अब्बास ने यूरोप में अपने राजदूत भेजे तो उनके साथ ये जूते यूरोप तक जा पहुंचे।
उस वक्त ऐसा माहौल बना कि मानो ये ऊंची हील के जूते ही पुरुषों को मर्द और दिलेर बना सकते हैं। जैसे जैसे यह शौक रईसों से आम लोगों में पहुंचा रईसों ने अपने जूतों की हील को बढ़ाना शुरु कर दिया और इसी तरह ऊंची एड़ियों के जूतों का चलन आया।
आज भले ही हील बनाना आसान हो, लेकिन उस जमाने में इस तरह की हील बनाना एक इंजीनियरिंग चुनौती थी। जब महिलाओं में पुरुषों सा दिखने का फैशन चला तो यही ऊंची हील महिलाओं की पसंद बन गया। तब से आज तक यह महिलाओं कि पसंदीदा चप्पलों में से है।