कैंसर के दौरान होने वाली कीमोथैरेपी क्या है, कैसी होती है, जानिए पूरी डिटेल
कुछ मरीज कीमोथैरेपी के बारे में विस्तार से जानने के इच्छुक होते हैं. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो डॉक्टर से अवश्य पूछें.
- मुझे कीमोथैरेपी क्यों करानी चाहिए?
- इसके क्या फायदे हैं?
- इसके क्या दुष्परिणाम हैं?
- क्या-क्या दवाइयां दी जाएंगी ?
- दवाइयां कितने समय चलेंगी?
- दवाइयां कहां दी जाएंगी?
- कौन-कौन से दुष्परिणाम, मुझे तुरंत डॉक्टर को सूचित करने चाहिए?
कैंसर के चरण यानी स्टेज पर निर्भर करते हुए पूछे
- किमोथेरेपी क्या फायदा पहुंचा सकती हैं
- किमो थेरेपी कैंसर को जड़ से खत्म कर सकती हैं.
- यह कैंसर को पढ़ने या फैलने से रोक सकती हैं
- कैंसर की कोशिकाएं जो शरीर के अन्य भाग में फैल चुकी हैं उनको मार सकती है.
- कैंसर के लक्षण हो गए उसकी वजह से शारीरिक तकलीफों को कम कर सकते हैं जिसको पेलियेटिव कीमोथैरेपी भी कहते हैं.
कीमोथैरेपी कहां की जा सकती है?
कीमोथैरेपी दवाई मरीज के घर पर, डॉक्टर के क्लीनिक, अस्पताल के आउटडोर विभाग या वार्ड में दी जा सकती हैं. पहली बार कीमोथैरेपी लगने के समय मरीज को अस्पताल में कुछ समय या दिन के लिए रुकना पड़ सकता है ताकि डॉक्टर दवाओं के सर्वे दुष्परिणाम को देखकर आगे का इलाज निर्धारित कर सकें.
कीमोथैरेपी की समय अवधि
यह कैंसर के चरण, कैंसर की प्रकृति पर और इलाज के उद्देश्य व दवा के असर व दुष्परिणाम पर निर्भर करती है. दवा रोज, साप्ताहिक, 3 सप्ताह या मासिक के आधार पर लगती है. इसको कीमोथैरेपी चक्र कहा जाता है.
कई बार मरीज की शारीरिक अवस्था में रक्त परीक्षण, गुर्दे व लीवर से संबंधित जाटों के आधार पर कीमोथैरेपी शुरू करने में देर की जा सकती है.
कीमोथैरेपी कैसे दी जा सकती है?
कैंसर व दवा पर निर्भर करते हुए दवा को देने के विभिन्न प्रचलित तरीके इस प्रकार हैं-
इंट्राविनस (I.V.)- सुई व कैथेटर के द्वारा दवा को रुधिर की नलिकाओं में डाला जाता है. एक विशेष प्रकार का कैथेटर जो शरीर की मुख्य रुधिर नालिका में हो तो वह काफी सप्ताह या कुछ महीने तक भी चल सकता है.
मुंह से (Oral)- गोलियां, कैप्सूल या तरल दवा मुख से भी दी जा सकती है.
मांसपेशियों में (Intramuscular) या I.M.) या चमड़ी के नीचे (Subcutaneous हां जाना तो नहीं है या S.C.) सुई के द्वारा भी दी जा सकती हैं.
सतह पर लगाना (Topically) दवा को चमड़ी या गांठ के ऊपर भी लगाया जा सकता है इंट्राथिकल (Intrathecal) इस विधि में एक विशेष सुई (L.P. Needle) से मेरुदंड के चारों तरफ बहने वाले द्रव्य (CSF) में डाली जाती है.
इसके अलावा दवाएं विशेष के कैथेटर नालियों, द्वारा शरीर के कुछ भागों में भी डाली जा सकती हैं दवा की मात्रा वेदर को निर्धारित करने के लिए विशेष पंप (Infusion pump) भी कई बार प्रयोग में लाए जाते हैं.
क्या अन्य दवाई कीमोथैरेपी के साथ ली जा सकती हैं?
कुछ दवाएं कीमोथैरेपी के परिणाम को प्रभावित कर सकती हैं इसलिए कीमोथैरेपी शुरू करने से पहले अन्य दवाओं के बारे में डॉक्टर को बता कर उचित निर्देशन से लेना चाहिए. किमो थेरेपी के बीच में कोई अन्य दवा चालू करने या रोकने से पहले भी डॉक्टर को सूचित कर देना चाहिए.
कीमोथैरेपी व दिनचर्या कैसी होनी चाहिए
अधिकांश मरीज इलाज के दौरान रोजमर्रा का काम करने में सक्षम होते हैं अन्य कामकाज मरीज की दवा है कामकाज के समय व प्रकृति पर निर्भर करता है. व्यक्ति अपने कार्य के घंटे कम कर सकता है. समय सारणी को परिवर्तित कर सकता है या कार्यालय या कंपनी की वजह घर पर ही आंशिक काम कर सकता है. कैंसर के मरीजों को इलाज के दौरान कंपनी द्वारा हल्का या आंशिक कार्य भी दिया जा सकता है. इसके लिए अपने कैंसर विशेषज्ञ से मिलकर आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त करें.
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