खूब लाड़-प्यार, बच्चों पर डालता है नकारात्मक प्रभाव
बच्चों को प्रांरभ से सादा, संयमी और किफायती होने की ट्रेनिंग देनी चाहिए। ना की खूब लाड़-प्यार करना चाहिए, इससे न केवल माता-पिता बेकार के खर्चो से बचे रहते हैं, वर्ना बच्चों में भी अच्छी आदतों का विकास होता है। वे अपने जीवन में सफलता से सफलताएं प्राप्त करते चले जाते है। महान और प्रसिद्ध व्यक्तियों की जीवनियों का अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि वे बचपन से ही सादा, संयमित और कठोर जीवन बिताने के अभ्यस्त हो गये थे। आप बड़ी कठिनाई को भी हंसते-मुस्कराते पार कर गए और अपने जीवन के लक्ष्यों को पाने में सफल रहे।
इसके विपरित जिन बच्चों को अत्यधिक आराम या विलासिता का जीवन जीने की सुविधाएं मिलती हैं, खर्चो पर कोई पाबंदी नहीं होती, खूब लाड़-प्यार से पाला जाता है, वे अपने जीवन में प्रायः कोई महान सफलता नहीं प्राप्त कर पाते। इनमें से अधिकांश ड्रग्स यर शराब आदि नशों, जुए में फंस कर अपना जीवन नष्ट कर लेते हैं। अतः एक और जहां आप अपने बच्चों को भरपूर प्यार दीजिए। सम्भव है, पहले उन्हें बुरा लगे, परंतु समझदार होने पर वे आपके गुण गांएगे।