इन संकेतों से समझिए दस्तक दे चुका है निमोनिया, ऐसे करें खुद को सुरक्षित, दूर रहेगी बीमारी
सर्दी शुरू हो गई है। मौसम में बदलाव के साथ लोगों को सर्दी-जुकाम होने का खतरा बना रहता है। जिन लोगों के फेफड़े कमजोर होते हैं उन्हें ऐसी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। निमोनिया भी फेफड़ों की बीमारी है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति ठीक से सांस नहीं ले पाता है। आइए जानते हैं कि निमोनिया क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
निमोनिया का क्या कारण बनता है?
निमोनिया फेफड़ों की बीमारी है। यह रोग तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी द्वारा फेफड़ों पर हमला किया जाता है। कई बार अन्य रोग या दवाएं भी निमोनिया का कारण बन जाती हैं। निमोनिया के कारण फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे सीने में दर्द भी होता है। निमोनिया बढ़ने पर फेफड़ों में कफ जमा हो जाता है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उन्हें यह बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है।
निमोनिया के लक्षण
निमोनिया का पहला लक्षण कफ वाली खांसी है। निमोनिया होने पर बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा निमोनिया से पीड़ित लोगों को सांस लेने में दिक्कत, सांस लेते समय सीने में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
निमोनिया से बचाव कैसे करें
हम आपको निमोनिया से बचाव के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं। जब तक बच्चा 6 महीने का न हो जाए, उसे केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। मां के दूध में बहुत अच्छी मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा आपको निमोनिया से लड़ने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। ऐसे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें जो विटामिन सी से भरपूर हों। अगर आप अत्यधिक खांसी और गले में खराश से पीड़ित हैं तो आपको विटामिन सी के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा अनुलोम विलोम, कपालभाति आदि योग करें।