तुलसी का पौधा शारीरिक हेल्थ के साथ दूर करता है आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा
हर किसी घर में तुलसी का पौधा होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि तुलसी के पौधे में बहुत से गुण मौजूद होते हैं, जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगा रहता है उस घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार रहता है और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, अगर तुलसी के पौधे के पत्ते का सेवन रोजाना किया जाए तो इससे कई प्रकार की शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं.
अगर आप तुलसी के पत्ते नहाने के पानी में डालकर स्नान करते हैं तो इससे कई तीर्थो में स्नान करने के समान माना जाता है, तुलसी का पौधा आपके घर के वास्तु दोष को भी दूर करने की शक्ति रखता है।
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है, ऐसा कहा जाता है कि अगर रोजाना नियमित रूप से तुलसी की पूजा की जाए और इस पर जल अर्पित किया जाए तो इससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है, इसलिए रोजाना तुलसी के पौधे की पूजा अर्चना अवश्य करना चाहिए, आज हम आपको तुलसी के कुछ ऐसे उपाय बताने वाले हैं जिनको करने से आपको कई लाभ प्राप्त होंगे।
चलिए जानते हैं तुलसी के इन उपायों के बारे में
अगर आप अपने घर में तुलसी के पौधे की रोजाना नियमित रूप से पूजा अर्चना करते हैं तो इससे आपके घर परिवार से दरिद्रता दूर होती है और धन की देवी माता लक्ष्मी जी की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है, जिसकी वजह से आपको अपने जीवन में धन से संबंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पत्तों के सेवन से देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है, अगर आप दही के साथ तुलसी का सेवन करते हैं तो इससे आपको बहुत से आयुर्वेदिक लाभ मिलते हैं, दही के साथ तुलसी के पत्तों का सेवन करने से आपका मन कामकाज में लगेगा, मानसिक तनाव दूर होगा और आपका शरीर हमेशा ऊर्जावान बना रहेगा।
अगर किसी को नजर लग गई है तो इसको उतारने के लिए आप तुलसी के 7 पत्ते और 7 कालीमिर्च अपनी मुट्ठी में ले लीजिए, इसके पश्चात जिसकी नजर उतारनी है उसे लिटा कर उस बंद मुट्ठी से उस व्यक्ति के सिर से पैर तक “ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र बोलकर 21 बार उतार लीजिए, इसके पश्चात आप काली मिर्च पीड़ित व्यक्ति को चबाने के लिए दीजिए और तुलसी के पत्ते को हाथ से मसलकर निकलने को दीजिए, इससे बुरी नजर का प्रभाव दूर हो जाएगा।
Comments are closed.