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माइग्रेन से पीड़ित मरीजों के लिए वरदान, है तुलसी की पत्तियां

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प्राचीन काल से तुलसी की पूजा की जाती रही है।कई ग्रंथों में इसके औषधीय गुणों के कारण इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। अधिकांश हिंदू घरों में तुलसी का पौधा होता है। इसका अगर साइंटिफिक तरीकों पर विचार करें तो तुलसी रात के समय ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है। लेकिन बाकी पौधे ऐसा नहीं करते हैं। आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया गया है।

अगर आपको भी सिर में बार-बार हल्का और तेज दर्द की शिकायत है तो ये माइग्रेन का लक्षण है। इससे सिर में असहनीय रूप से तेज पीड़ा होती है और मस्तिष्क के एक हिस्से में कंपन का अनुभव होता है। यह दर्द अक्सर सिर में एक तरफ होता है, हालांकि दोनों तरफ भी हो सकता है।

इसके लिए आपको 3-4 तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालना है फिर उसमे शहद मिलकर पीना है। इससे आपको आराम मिलेगा और इसके अलावा आप तुलसी के तेल से मालिश भी कर सकते हैं।

लौंग से भी सर दर्द को दूर किया जा सकता है। पहले आप लौंग को अच्छे से पीस लें और इसे एक साफ़ कपड़े में बाँध ले फिर थोड़ी-थोड़ी देर में इसे सूंघते रहें। अगर दर्द ज्यादा है तो लौंग के तेल में दो चम्मच नारियल का तेल, एक चम्मच सेंधा नमक मिलाएं और से सर पर मालिश करें आपको आराम मिलेगा।

पुदीने से भी आपको आराम मिलेगा। आप पुदीने के तेल से सर पर मसाज करें। पुदीने में मेंथॉल होता है जो सिर दर्द दूर करने में मदद करता है। आप चाहें तो गर्म पानी में इस तेल की कुछ बूंदे डालकर भाप भी ले सकते हैं।

दुनिया भर में करीब हर सात में एक व्यक्ति माइग्रेन से पीड़ित है। अकेले भारत में ही यह आंकड़ा 15 करोड़ से अधिक है। एक अनुमान के मुताबिक 18 से 49 साल की 25 फीसदी महिलाएं माइग्रेन से जूझ रही हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को माइग्रेन होने की संभावना तीन गुना ज्यादा होती है।

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