बृहस्पति का रत्न है पुखराज, जानिए इसे पहनते समय किन बातों का रखें ध्यान…
गुरु से संबंधित शुभ फल प्राप्त करने के लिए पुखराज पहना जाता है। इन रत्नों को अंगूठी या लॉकेट की तरह पहना जाता है। पुखराज वैसे तो कई रंगों में आता है लेकिन मुख्य पुखराज पलाश के फूल जैसा होता है। जानिए इस रत्न की विशेषता और महत्व के बारे में:-
पुखराज किसे पहनना चाहिए?
यह रत्न बृहस्पति ग्रह से संबंधित है। बृहस्पति की दो राशियाँ धनु और मीन हैं। जिनकी कुंडली में बृहस्पति अशुभ फल दे रहा है उन्हें पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है। बिना ज्योतिषीय सलाह के इसे पहनने से कई तरह की परेशानी हो सकती है।
ध्यान रखने योग्य बातें
1. पुखराज के साथ पन्ना, नीलम, हीरा, गोमेद और लहसुन नहीं पहनना चाहिए अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि होती है।
2. वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वालों को पुखराज नहीं पहनना चाहिए।
3. सही ज्योतिषी से पूछें और वही रत्न धारण करें। जरूरत से ज्यादा कैरेट पहनने से नुकसान होगा और कम कैरेट पहनने से कोई फायदा नहीं होगा।
पुखराज कैसे पहनें
बुधवार की सुबह स्नान और ध्यान करने के बाद पुखराज को दूध के साथ गंगाजल में डालें। फिर गुरुवार को स्नान व ध्यान कर अगले दिन बृहस्पति नमः की कम से कम एक माला का जाप करके अंगुली में धारण कर लें। बुधवार और गुरुवार को पुखराज धारण करने के बाद नशीले पदार्थों और नानवेज का सेवन न करें।