Health : सर्दियों में निमोनिया का ज्यादा खतरा, जानें इसके लक्षण और उपचार
नई दिल्ली, 25 नवंबर: 2019 में, निमोनिया (Pneumonia) ने लगभग 2.5 मिलियन लोगों की जान ली। इसमें 6.72 लाख बच्चे शामिल हैं। कई अध्ययनों से यह भी पता चला है कि लोगों में कोविड से ठीक होने के बाद निमोनिया हो जाता है। निमोनिया से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
निमोनिया का सबसे ज्यादा असर सर्दियों में देखने को मिलता है। सर्दियों में उच्च आर्द्रता बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के जोखिम को बढ़ाती है (Tips to prevent pneumonia in winter)। निमोनिया क्या है निमोनिया फेफड़ों की बीमारी है। यह फेफड़ों की असामान्य सूजन का कारण बनता है।
अधिक गंभीर संक्रमण की स्थिति में फेफड़ों में पानी भर जाता है। यह आमतौर पर एक जीवाणु या वायरल संक्रमण के कारण होता है जो सामान्य इन्फ्लूएंजा के समान होता है। हालांकि, हाल के दिनों में यह दिखाया गया है कि यह भी कोविड वायरस के कारण होता है। एचटीके के मुताबिक, इससे फेफड़ों को काफी नुकसान होता है ।
निमोनिया का कारण क्या है?भारत में अभी भी टीवी बैक्टीरिया निमोनिया का प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, वायरस और कवक निमोनिया का कारण बन सकते हैं। शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने पर ऐसे व्यक्ति को निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है। अगर घर में या काम पर बहुत कम वेंटिलेशन है, तो निमोनिया का खतरा होता है।
किडनी ट्रांसप्लांट और लीवर ट्रांसप्लांट के मरीजों में अब निमोनिया ज्यादा प्रचलित है। निमोनिया के लक्षण क्या हैं निमोनिया के रोगियों को आमतौर पर सर्दी के साथ या बिना तेज बुखार होता है। व्यक्ति को खाँसी के साथ पीला बलगम हो सकता है। इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार और लंबी सांस लेने की समस्या है, तो निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है।
कुछ रोगियों को सीने में दर्द होता है। कभी-कभी खांसी के साथ खून भी आता है।
ऐसे लक्षण दिखने पर क्या करें –
साधारण निमोनिया का पता एक्स-रे या सीटी स्कैन से लगाया जा सकता है। इसके बाद उपचार से निमोनिया ठीक हो जाता है। इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। निमोनिया से बचने के लिए क्या करें ठंड के दिनों में बाहर जाते समय सावधानी बरतें। उस समय भले ही मौसम गर्म हो, सावधानी बरतनी चाहिए।
सितंबर से नवंबर तक लोगों को गर्मी और सर्दी के कारण निमोनिया हो जाता है। कोविड वैक्सीन के साथ बैक्टीरियल वैक्सीन भी दी जानी चाहिए।
जो लोग धूम्रपान करते हैं और शराब पीते हैं उनमें निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करना फायदेमंद होता है। मधुमेह के रोगियों को भी अधिक सावधान रहने की जरूरत है। आहार में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व शामिल होने चाहिए।