25 मिनट तक लिफ्ट में फंसी रहीं तीन लड़कियां
गाजियाबाद में एसोटेक नेक्स्ट सोसाइटी की लिफ्ट में 3 लड़कियां करीब 24 मिनट तक फंसी रहीं। लिफ्ट 20वीं मंजिल से नीचे आ रही थी और 11वीं मंजिल पर फंस गई। तीनों बच्चियां चीखती-चिल्लाती रहीं। उन्होंने खुद लिफ्ट खोलने की कोशिश भी की लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। 24 मिनट बाद लिफ्ट को हाथ से खोलकर बच्चियों को बाहर निकाला गया।
आपको बता दें कि मामला बुधवार देर शाम का है. खेल के सामान के कारोबारी शिवम गहलोत यहां 20वीं मंजिल पर फ्लैट में रहते हैं। उनकी 8 साल की बेटी तेजस्विनी तीसरी कक्षा में पढ़ती है। तेजस्विनी अपनी सहेलियों मिशिका और वैद्यही के साथ सोसायटी पार्क में खेलने जा रही थी। तीनों लड़कियां 20वीं मंजिल से ग्राउंड फ्लोर तक लिफ्ट में सवार हुईं। लिफ्ट अचानक 11वीं मंजिल पर फंस गई। लिफ्ट की लाइट भी चालू थी। इसके बावजूद वह काम नहीं कर रही थी। न गेट खुल सका और न ही वह नीचे जा सका।
जब अन्य निवासियों को लिफ्ट की जरूरत पड़ी, तो उन्होंने उसे 11वीं मंजिल पर फंसा पाया। इसके बाद मेंटेनेंस टीम मौके पर पहुंची और लिफ्ट खोलने के प्रयास शुरू किए। करीब 24 मिनट के बाद लिफ्ट को हाथ से खोलकर तीनों लड़कियों को बाहर निकाला गया। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि तीनों लड़कियों ने अपने हाथों से भी लिफ्ट खोलने की कोशिश की।
शिवम ने इस मामले में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की अध्यक्ष चित्रा चतुर्वेदी और सचिव अभय झा के खिलाफ बुधवार देर रात थाना क्रासिंग रिपब्लिक में प्राथमिकी दर्ज करायी. आरोप है कि लिफ्ट के मेंटेनेंस के नाम पर हर साल करीब 25 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद आए दिन ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं। रहवासियों की लगातार शिकायत के बावजूद लिफ्ट की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।