बासमती से महंगा है ये चावल, कीमत 1100 रुपए किलो, वजह जानकर रह जायेंगे दंग
अजब गजब : अगले महीने पूरे देश में मानसून दस्तक दे देगा. इसके बाद कश्मीर से कन्याकुमारी तक के किसान धान की खेती शुरू करेंगे। ऐसे प्रत्येक राज्य में किसान विभिन्न प्रकार के चावल की खेती करते हैं।
कश्मीर में किसान बड़े पैमाने पर बासमती चावल की खेती करते हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में किसान जिराफुल चावल की खेती करते हैं। जिराफूल अपने स्वाद और सुगंध के लिए पूरे देश में मशहूर है।
वहीं, सऊदी अरब में सबसे महंगे चावल की खेती होती है। अमीर लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। चावल की इस किस्म का नाम हसवी है। इसे हसवी चावल के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खेती सभी देशों में नहीं की जाती है। हसवी चावल की खेती के लिए रेगिस्तानी जलवायु और गर्म मौसम अनुकूल हैं। कहा जाता है कि जितनी अधिक गर्मी, उतनी अधिक उपज।
हसावी चावल की खेती केवल सऊदी अरब में की जाती है। धान की खेती के लिए तापमान 48 डिग्री होना चाहिए। इससे कम तापमान होने पर इसकी फसल खराब हो जाती है। हसवी चावल सऊदी अरब के शेखों का पसंदीदा भोजन है। यहां तक कि सऊदी अरब में भी हर जगह हसवी चावल की खेती नहीं होती है। किसान विशिष्ट क्षेत्रों में इसकी खेती करते हैं। इसके लिए बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है। सप्ताह में 5 बार पानी दिया जाता है।
हसवी चावल की कटाई नवंबर और दिसंबर के बीच की जाती है। हसवी चावल का रंग लाल होता है। इसलिए इसे लाल चावल भी कहा जाता है। यह दुनिया का सबसे महंगा चावल है। सऊदी अरब में बिरयानी बनाता था। चावल के भाव 1000 से 1100 रुपए प्रतिकिलो है। तो, भारत में सबसे महंगे बासमती चावल की कीमत 150 रुपये प्रति किलो है।
हसवी चावल इंडिका चावल का एक प्रकार है। सऊदी अरब के पूर्वी प्रांत अल-अहसा ओएसिस में लोग हसावी चावल खाना पसंद करते हैं। कहा जाता है कि हसवी चावल में बासमती की तुलना में अधिक फेनोलिक्स और फ्लेवोनोइड्स होते हैं। इसके साथ ही इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी अधिक होती है। यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसकी खासियत है कि इसके सेवन से लोग बुढ़ापे में भी तरोताजा नजर आते हैं।