Rochak Jaankari : भारतीय व्यंजनों में मिर्च एक महत्वपूर्ण अवयव है। मिर्च के इस्तेमाल के बिना भारतीय व्यंजनों की कल्पना करना असंभव है। यूं तो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की मिर्ची उगाई जाती है, जिनमें से कुछ काफी तीख़ी होती हैं जबकि कुछ में नाम मात्र का तीख़ापन पाया जाता है। क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे तीख़ी मिर्च कौन सी है और यह कहां उगाई जाती है।
ये है दुनिया की सबसे तीख़ी मिर्च
इस आर्टिकल में हम दुनिया की सबसे तीख़ी मिर्च का नाम, उसकी विशेषता तथा उसके इस्तेमाल के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं। दुनिया की सबसे तीख़ी मिर्च का नाम “ड्रैगन ब्रेथ” है। सबसे पहले इसकी खेती यूनाइटेड किंगडम निवासी “माइक स्मिथ” ने की थी। इस मिर्च के पौधे को “एनपीके प्रौद्योगिकी और नॉटिंघम ट्रेंट विश्वविद्यालय” के द्वारा ब्रीडर माइक स्मिथ के सहयोग से विकसित किया गया था।
वेल्श ड्रैगन के नाम पर इस मिर्च का नाम ड्रैगन ब्रेथ रखा गया था। किसी भी पदार्थ के तीख़ेपन की माप “स्कोविल” यूनिट में की जाती है। ड्रैगन ब्रेथ का तीख़ापन 2.48 मिलियन स्कोविल यूनिट है जो कि “कैरोलिना रीपर” के तीख़ेपन से 2.2 मिलियन अधिक है, जिसे वर्तमान में सबसे तीख़ी मिर्च माना जाता है। माइक स्मिथ ने ड्रैगन ब्रेथ को दुनिया की सबसे तीख़ी मिर्च घोषित करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को आवेदन किया है।
नॉटिंघम ट्रेंट विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस मिर्च को निगलने से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। भारत की सबसे तीख़ी मिर्च का नाम “भूत जोलोकिया” है जिसे भूत काली मिर्च, भूत मिर्च, लाल नागा और नागा जोलोकिया के नाम से भी जाना जाता है। इस मिर्च की खेती भारत के अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और मणिपुर राज्य में की जाती है। यह मिर्च अमेरिकी कैप्सिकम चाइनीस और कैप्सिकम फ्रूटएसेंस की एक नस्ल है।
इस मिर्च की विशेषताएं बांग्लादेश के नागा मोरिच नामक मिर्च से काफी मिलती जुलती हैं। 2007 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने प्रमाणित किया था कि भूत जोलोकिया दुनिया की सबसे तीख़ी मिर्च है और इसका तीख़ापन टबैस्को सॉस की तुलना में 400 गुना अधिक था। भूत जोलोकिया मिर्ची का तीख़ापन एक मिलियन स्कोविल यूनिट से भी अधिक होता है। हालांकि 2011 में इनफिनिटी चिल्ली, 2012 में नागा वाइपर तथा 7 अगस्त 2013 को कैरोलिना रीपर को दुनिया की सबसे तीख़ी मिर्च घोषित किया गया था।
भारत की मिर्च भूत जोलोकिया को अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। असम में इसे व्यापक रूप से भूत जोलोकिया और ब्ही जोलोकिया के रूप में जाना जाता है। असम में “ब्ही” का अर्थ ज़हर है जो इस मिर्च में पाए जाने वाले तीख़ेपन को दर्शाता है। वही “जोलोकिया” का अर्थ मिर्च का बीज है। असम के कुछ हिस्सों में इस मिर्च को नोगा जोलोकिया भी कहा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि यह नाम नागालैंड के मैदानी इलाकों और पहाड़ियों में रहने वाले क्रूर नागा योद्धाओं के नाम पर रखा गया है। असम के तेजपुर शहर के नाम पर इस मिर्च को तेजपुर मिर्च भी कहा जाता है। मणिपुर में इस मिर्च को “ऊ मोरोक” या “उमोरोक” कहा जाता है, जहां “ऊ” का अर्थ पेड़ और मोरोक का अर्थ मिर्च है। उत्तर पूर्वी भारत में जंगली हाथियों के आक्रमण से बचने के लिए भी घर की दीवारों पर इस मिर्च के पाउडर का लेप लगाया जाता है।
धुआं बम के निर्माण में इस मिर्च के पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। आतंकवादी को उनके ठिकाने से बाहर निकालने और दंगाइयों को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल होने वाले हाथ गोलो के निर्माण में भूत जोलोकिया मिर्च के पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। भूत जोलोकिया का इस्तेमाल महिलाएं पेपर स्प्रे के रूप में भी करती हैं।
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