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ये है दुनिया के सबसे अजीब और विचित्र पेड़, जल्दी जानिए

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दुनिया में रहस्य और विचित्र तरह के पेड़ पाए जाते है. जिनके बारे में शायद ही सब लोगो को पता हो. में आपको आज ऐसे ही कुछ अजीब वृक्षों के बारे में बताने जा रही हुं जिसके बारे में पढ़कर आप हैरान रह जायेंगे.

चमत्कारिक बरगद का पेड़

यह पेड़ आंध्रप्रदेश के नालगोंडा में स्थित है. इसकी खास बात ये है कि इस पर विभिन्न जानवरों की आकृतियां पायी जाती है. बिच्छू, सांप, अजगर, मगरमच्छ, शेर जैसे पशु और पक्षियों की आकृतियां संपूर्ण वृक्ष पर बनी हुई है.

वहां के लोगों का मानना है कि इस पेड़ के तनों पर किसी ने इन कलाकृतियों को गढ़ा है. उनका मानना है कि यह पेड़ कोई से चमत्कार नहीं है. जिस तरह इस पेड़ पर आकृतियां बनी हुई है उस तरह से इसे कोई बना नहीं सकता. इसकी जड़े, लताएं और तना सभी आकृतियों में ढली हुई है.

पोलैंड में चीड़ के पेड़

पोलैंड में ग्रेफाइनो के जंगल में ५०० चीड़ के ऐसे वृक्ष हैं जो अपनी अद्भुत आकृति के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. इस फॉरेस्ट में पाइन के वृक्षों को १९३० में लगाया गया था. पेड़ो की घुमावदार आकृति मनुष्य द्वारा बनाई गई है. लेकिन यह घुमावदार आकृति आखिर किस उद्देश्य से बनाई गई थी इस के बारे में आज तक कोई नहीं जानता.

ड्रैगन पेड़

ड्रैगन पेड़ अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी तट पर कैनरी आयलैंड स्थित है. इस वृक्ष को देखने के लिए विश्वभर से लोग आते हैं. ड्रैगन पेड़ को जीवित जीवाश्म माना जाता है, क्योंकि जब इसे काटने पर इसमें से खून की तरह लाल रंग का रस निकलता है. इस वृक्ष का आधार चौड़ा, मध्य भाग संकरा और ऊपर का भाग किसी छतरी की तरह बना हुआ है. इसी कारण यह भाग ऐसा लगता है कि सैंकड़ों पेड़ को जोड़कर उसे एक साथ बंधा गया हो.

ता फ्रोम पेड़

कंबोडिया के अंगारकोट में स्थित इस वृक्ष को देखने के लिए विश्व के कोने-कोने से लोग आते है. अंगारकोट में विश्व प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर भी बना हुआ है. यहां का जंगली क्षेत्र सिल्क कॉटन के वृक्षों के लिए भी प्रसिद्ध है.

यहां का ता फ्रोम बौद्ध मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था. लेकिन अब ये खंडहर में बदल चुका है. सैकड़ों साल पुराने मंदिर और इन पेड़ो को विश्व धरोहर घोषित कर दिया गया है. यहां के विशालकाय मंदिरों को इन वृक्षों ने अपनी छत्रछाया में ढंक कर रखा है. मंदिर और वृक्ष का यह अद्भुत मिलन देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं है.

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