ये है अकाल मृत्यु से बचने का एक ऐसा उपाय, जिसे स्वयं यमराज ने बताया है
हर जीवित इंसान को एक न एक दिन मृत में बदलना ही है चाहें वो दुनिया के किसी भी कोने में जाकर क्यों न छिप जाए, मौत से बच नही सकता। मृत्यु के अंतिम दिन यमराज स्वयं आकर मरने वाले व्यक्ति का प्राण ले जाते हैं। इस सच्चाई को दुनिया की कोई ताकत नही झुठला सकती। एक बार यमराज और उनके दूतों की कुछ ऐसी बातचीत चल रही थी-
एक बार यमराज ने अपने दूतों से पूछा कि तुम प्राणीयों के प्राण हर करके लाते हो क्या तुम्हें उन पर कोई दया भाव नहीं आता तब एक दूत बोला महाराज हमें निश्चय ही उन पर दया आती है। किंतु क्या करें हम विवश हैं हमें हमारा कर्म करना ही पड़ता है। तब एक दूत ने यमराज से पूछा कि हे प्रभु क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है तब यमराज ने अकाल मृत्यु से बचने का यह उपाय बताया था। आइये जानते हैं वो कौन सा उपाय है।
यमराज ने अपने दूतों को बताया था कि धनतेरस के दिन यमुना नदी में स्नान करके यमराज और धनवंतरी पूजन विधि अनुसार करना चाहिए यमराज के निमित्त संध्या समय दीप दान करना चाहिए। यथा शक्ति संभव हो तो व्रत भी करना चाहिए जिस घर में यह सब कार्य किए जाते हैं उस घर में कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती है।