एनीमिया की शिकार महिलाओं के लिए दमदार इलाज है ये घरेलु चीजे जरुर देखे
शरीर में रक्त की कमी अनेक कारणों से हो सकती है. सीढियों से उतरते चढते फिसलकर गिरने से चोट लगने पर अधिक रक्त निकल जाने से रक्ताल्पता हो सकती है. स्त्रियों को ऋतुस्राव की विकृति के कारण, अधिक रक्तरत्राव होने से रक्ताल्पता की विकृति होती है अधिक क्रोष्ठबदृद्रता से आंत्रों में मल एकत्र होने से भूख नष्ट हो जाती है
ऐसे में शारीरिक निर्बलता बढने से रक्त की कमी होने पर रक्ताल्पता की उत्पत्ति होती.
अधिक दिनों तक क्षय रोग, आंत्रिक ज्वर (टायफाइड), अर्श रोग,
अतिसार मेँ अधिक रक्तस्राव होने से रक्ताल्पता की विकृति होती है.
प्लीहा मेँ शोथ होने पर भी शरीर में तेजी से रक्त की कमी होती है.
मधुमेह रोगी रक्ताल्पता से पीडित होते हैं.
- शरीर मे रक्ताल्पता की विकृति के कारण को ज्ञात करके पहले उसे नष्ट करने के लिए चिकित्सा करनी चाहिए भोजन में पौष्टिक खाद्यो की मात्रा बढाकर रक्ताल्पता का निवारण किया जा सकता है
-
प्रतिदिन सलाद के रूप मे खीरा, ककडी, प्याज, चुकंदर, नीबू का रस, मूली,
गाजर का सेवन करने से अरुचि नष्ट होने के साथ अधिक भूख लगती है
इन सब्जियों का रस पीने से शारीरिक निर्बलता दूर होती है
- एक केले को जल में चूना मिलाकर, लेप करके रख दें प्रात: उठकर उस केले को छीलकर खाने से रक्ताल्पता की विकृति नष्ट होती है
-
चित्रक की जड़ की छाल को छाया में सुखाकर,
कूट-पीसकर रखें 100 ग्राम रस डालकर फिर घोटे इस चूर्ण को 3 ग्राम
मात्रा मे सेवन करने से रक्ताल्पता नष्ट होती है जल के साथ सेवन करें
- प्रतिदिन 200 ग्राम टमाटर काटकर उसमे सेधा नमक
काली मिर्च का चूर्ण डालकर खाने से बहुत लाभ होता है. टमाटर का सूप भी अधिक गुणकारी है
रक्ताल्पता के रोगी को प्रतिदिन घालक, बथुआ, मेथी आदि की सब्जी इस्तेमाल करनी चाहिए
- आंवले या सेब का मुरब्बा खाने और दूध पीने से बहुत लाभ होता है.
अगूरों का सुबह-शाम 100 ग्राम मात्रा मे सेवन करने से रक्ताल्पता का निवारण होता है. हृदय की तीव्र धडकन सामान्य होती है