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इस इंटरनल बॉडी पार्ट से जुड़ी है ये बीमारी, पढ़े कारण और उपाय

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आज हम आपको महिलाओं के इंटरनल बॉडी पार्ट से जुड़ी इस बिमारी के बारे में बताएंगे। इस बिमारी के बारे में बहुत कम लोगों को पता होगा। अगर इसके संकेतों को सही समय पर पहचानकर ट्रीटमेंट ले लिया जाए तो इस प्रॉब्लम को कंट्रोल किया जा सकता है। कई महिलाओं को 35 से 50 की उम्र में फाइब्रॉइड की प्रॉब्लम होने लगती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।

जिस भी महिला को यह बीमारी होती है उसे कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। अगर इसके संकेतों को सही समय पर पहचानकर ट्रीटमेंट ले लिया जाए तो इस प्रॉब्लम को कंट्रोल किया जा सकता है। बॉम्बे हॉस्पिटल की गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. नीरजा पौराणिक का कहना है कि फाइब्रॉइड महिला के गर्भाशय में होने वाली गांठ को कहते है। सामान्य भाषा में इसे बच्चेदानी की गांठ भी कहा जाता है। इस गांठ का साइज मूंगफली जितना छोटा भी हो सकता है या खरबूजे जितना बड़ा भी।

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99% कैंसर का खतरा नहीं होता

फाइब्रॉइड की बीमारी क्यों होती हैं इसका बहुत स्पष्ट कारण पता नहीं है। लेकिन कुछ बातों का फाइब्रॉइड होने से सम्बन्ध हो सकता है, जैसे- हार्मोनल चेंजेस या जेनेटिक । महिलाओं में फाइब्रॉइड की प्रॉब्लम बहुत कॉमन है। अधिकतर 35 से 50 वर्ष की उम्र में यह परेशानी सामने आती है। 99% ये बिना बिना कैंसर वाली होती है इसलिए बहुत घबराने जैसी बात नहीं होती। डॉ. नीरजा बता रही हैं फाइब्रॉइड क्या है, यह क्यों होता है और इसके संकेत कौन से हैं।

इन 5 संकेतों से कर सकते हैं पहचान

 

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