इस कंपनी ने टाटा मोटर्स को पीछे छोड़ते हुए इलेक्ट्रिक बसें बनाने का रिकॉर्ड बनाया
भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक बस कंपनी पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी ने आज अपनी 1000वीं इलेक्ट्रिक बस की डिलीवरी की घोषणा की। पीएमआई यह उपलब्धि हासिल करने वाली देश की पहली ई-बस कंपनी बन गई है। FAME II योजना के तहत प्रदान की गई, PMI की 1,000वीं इलेक्ट्रिक बस का उद्घाटन माननीय केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी की 1,000वीं इलेक्ट्रिक बस परिवहन निदेशालय, उत्तर प्रदेश को सौंपी गई। भारत में कंपनी की उपस्थिति को मजबूत करेगा और शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के सरकार के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
कंपनी के अनुसार, प्रत्येक पीएमआई इलेक्ट्रिक बस हर साल 28,000 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को बचा सकती है। PMI की 1000वीं ई-बसें 12 वर्षों की अवधि में लगभग 3.4 लाख टन CO2 उत्सर्जन को बचा सकती हैं। यह पारंपरिक डीजल चालित बस की तुलना में कार्बन फुटप्रिंट में महत्वपूर्ण कमी है, जो सालाना लगभग 100 टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती है।
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी की ई-बसें दिल्ली, शिमला, राजकोट, भुवनेश्वर, लखनऊ, कोलकाता, आगरा, मैंगलोर, प्रयागराज और लद्दाख सहित 26 शहरों में चल रही हैं। यात्रियों के लिए सुरक्षित सवारी सुनिश्चित करने के लिए बसें आरटीएमएस और सीटीवी कैमरों जैसी सुरक्षा प्रणालियों से लैस हैं। इन बसों में सफर को आरामदायक बनाने के लिए इनमें एयर सस्पेंशन लगाया गया है जो खराब सड़कों पर भी सफर को आसान बनाता है।
मेक-इन-इंडिया अभियान द्वारा संचालित, पीएमआई अपने वाहनों में 100% मेड-इन-इंडिया घटकों का उपयोग कर रहा है। कंपनी धारूहेड़ा, हरियाणा में अपने संयंत्र में वाहनों का निर्माण करती है और पुणे, महाराष्ट्र में एक नया संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया में है। कंपनी का एक बैटरी असेंबली प्लांट भी है जो पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा चलाया जाता है।