छोटे बच्चों में हो रही है ये खतरनाक बीमारियां, जाने क्या लक्षण और रोकथाम
Nephrotic Syndrome in Hindi: आज के अनहेल्दी लाइफस्टाइल का सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ा है। जिस कारण बच्चों में अनेक बीमारियां देखी जा रही है, जो आम बात नहीं है इन्ही में से एक बीमारी आज कल बच्चों में तेजी से पैर फैला रही है वह है, बच्चों में किडनी फेल्योर। किडनी शरीर के टॉक्सिन्स और बेकार चीज़ों को बाहर निकाल हमें स्वस्थ रखती है। हम सभी के शरीर में दो किडनी होती हैं, लेकिन केवल एक ही सारी जिंदगी सभी महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में सक्षम होती है। बच्चों में किडनी फेल्योर सम्बन्धी दो मुख्य रोग है नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम और यूटीआई। आइये विस्तार से जानते है इनके बारे में –
नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम
यह एक बहुत ही आम बीमारी है। जिसमे पेशाब के रास्ते प्रोटीन का निकल जाना, रक्त में प्रोटीन की मात्रा में कमी, आँखों के चारो ओर सूजन ,पैर और टखनों में सूजन, पेशाब में झाग होना, वजन बढ़ना, थकान महसूस होना, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना और प्रोटीन की मात्रा कम होने से शरीर में सूजन आना इस बीमारी के आम लक्षण हैं।
यूटीआई (Urinary Tract Infection)
इसमें शिशु बार-बार मूत्र मार्ग संक्रमण का शिकार होता है। जिसके कारण उसे बुखार आता है। यह धीरे-धीरे ऑर्गन को डैमेज करता रहता है। यह नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों की आम समस्या है। लेकिन इससे बड़े बच्चे और वयस्क भी प्रभावित हो सकते हैं। समय पर इलाज न कराया गया तो यह बीमारी उम्र क साथ-साथ भयावह रूप ले लेती है। नींद में बिस्तर गीला करना, हाई ब्लड प्रेशर, यूरिन में प्रोटीन आना इस बीमारी के आम लक्षण है।
नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम और यूटीआई संक्रमण से बचने के उपाय
संक्रमण से बचने के लिए शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर का टॉयलेट हमेशा साफ-सुथरा रखें, बच्चो के खानपान की स्वच्छता का ध्यान रखना भी ज़रुरी है। गंदी जगह पर बनाया गया खाना बच्चो को देने से परेशानी हो सकती है, बच्चो को पानी और तरल पदार्थ अधिक मात्रा में देने चाहिए। बच्चो को हमेशा सूती कपड़े के इनरवेयर ही पहनाने चाहिए। आखरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जैसे ही संक्रमण का कोई भी लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। देर करने से ये संक्रमण बढ़कर किडनी तक पहुँच कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर सकता है।