centered image />

चंद्र ग्रह के अशुभ प्रभाव से होते हैं ये रोग, करें यह ज्योतिषीय उपाय

0 323
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

ज्योतिष शास्त्र में मन, माता, मानसिक स्थिति, मनोबल, भौतिक वस्तुओं, यात्रा, सुख, धन, रक्त, बायीं आंख, छाती आदि का कारक ग्रह चंद्रमा को माना गया है। चन्द्रमा को राशियों में कर्क और नक्षत्र, हस्त और श्रवण नक्षत्र में रोहिणी का स्वामी माना जाता है। साथ ही आकार की दृष्टि से यह सबसे छोटा ग्रह है लेकिन इसकी गति सबसे अधिक है। चंद्र गोचर की अवधि कम होती है। यह लगभग सवा दो दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। साथ ही चंद्रमा को कर्क राशि में नीच और वृष राशि में उच्च का माना जाता है। चंद्रमा से संबंधित रोग और उपाय के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

मानसिक परेशानी हो सकती है

वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति इस समय मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है। साथ ही जातक की माता को भी किसी प्रकार की समस्या हो सकती है। कोई बीमारी हो सकती है। घर में पानी की किल्लत हो जाती है। कई बार जातक इस काल में आत्महत्या करने का भी प्रयास करता है।

ये रोग हो सकते हैं

वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली में चंद्रमा नकारात्मक और अशुभ है तो जातक को दिमागी दर्द, सिरदर्द, तनाव, अवसाद, भय, घबराहट, दमा, रक्त संबंधी विकार, पागलपन या बेहोशी आदि समस्याएं हो सकती हैं।

अनिद्रा की समस्या हो सकती है

वहीं दूसरी ओर जन्म कुंडली में चंद्रमा की अशुभ स्थिति के कारण खांसी, जुकाम, अस्थमा सहित सांस या फेफड़ों से संबंधित समस्याएं परेशान करती हैं। इसके अलावा एकाग्रता की कमी, नींद की कमी और मन को भटकाने वाली तमाम समस्याएं चंद्रमा के अशुभ होने के कारण होती हैं।

इन मंत्रों का जाप करें

चंद्रमा की स्थिति मजबूत करने के लिए चंद्र मंत्रों का जाप करें।
ॐ सों सोमाय नमः
ॐ श्रीं श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः
ॐ श्रीं श्रीं चंद्रमसे नमः

चन्द्रमा की पूजा करें

चंद्रमा को मजबूत करने के लिए चांदी के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल, दूध, चावल और शक्कर मिलाकर चंद्रमा को अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव और चंद्रमा की कृपा प्राप्त होती है।

प्रत्येक पूर्णिमा के दिन व्रत रखना चाहिए और चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आप पर से चंद्रमा का नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा करें। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर या अशुभ है तो उसे प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्रमा के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.