डेंगू से जुड़ी इन 5 बातों से यकीनन अनजान होंगे आप, जानकर होगी हैरानी
हर साल डेंगू की वजह से कई लोगों की जान जाती है. ऐसे में जरूरत है कि लोगों को इसके बारे में सही जानकारी हो.डेंगू का बुखार मच्छरों के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है. यह संक्रमण एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. डेंगू बुखार में व्यक्ति को तेज बुखार, शरीर में लाल रंग के चकते, सिर दर्द, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, भूख का कम होना, उल्टी आना आदि की शिकायत होती है. आइए जानते हैं डेंगू से जुड़ी ऐसी 5 बातें जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे.
रात में लाइट के उजाले में भी काटने का खतरा
डेंगू का मच्छर दिन के उजाले में काटता है लेकिन खास बात यह है कि अगर रात को लाइट जल रही हो तो भी ये मच्छर आपको काट सकता है.ये मच्छर खासकर सुबह और शाम को सूरज डूबते समय ज्यादा काटता है. डेंगू के मच्छर के काटने की सबसे पसंदीदा जगह, कोहनी के नीचे या घुटने होते हैं.
घरों के ऊपर रखी टंकी में पनपते हैं मच्छर
हाल ही में दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि 41 फीसदी मच्छर प्लास्टिक के ड्रम और कंटेनर में ही पैदा होते हैं. जिनका इस्तेमाल घरों में पानी जमा करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा कूलरों से 12 फीसदी और निर्माण स्थलों पर मुख्य रूप से इस्तेमाल होने वाले लोहे के कंटेनर में 17 फीसदी मच्छर पैदा हो सकते हैं.
प्लेटलेट्स की कमी नहीं बनती मौत की वजह
अक्सर लोग यह मानते हैं कि प्लेटलेट्स की कमी की वजह से भी लोगों की मौत होती है. शायद ही लोग इस बात को जानते होंगे कि डेंगू में मौत का असली कारण कैपिलरी लीकेज होता है. अगर किसी मरीज को कैपिलरी लीकेज शुरू हो गया है तो उसे तरल आहार देते रहना चाहिए. ऐसा तब तक करते रहना चाहिए, जब तक हाई और लो ब्लड प्रेशर का अंतर 40 से ज्यादा न हो जाए.
श्वेत रक्त कोशिकाओं पर आक्रमण
डेंगू मच्छर एक बार में 100 के करीब अंडे दे सकता है, और इसका जीवन लगभग 2 हफ्तों का होता है. डेंगू मच्छर का छोड़ा गया वायरस शरीर में सीधे श्वेत रक्त कोशिकाओं में घुसकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देता है. आपको अवगत करा दें कि एडिस मच्छर के एक बार काटने से ही कोई व्यक्ति जानलेवा स्थिति तक में पहुंच सकता है.
डेंगू संक्रामक बीमारी नहीं
कोई संक्रामक बीमारी नहीं है. ये बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है.