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दुनिया का कोई भी रोग ऐसा नहीं है जो, इस पौधे से ठीक ना हो क्लिक करके जानें शायद आपका कोई रोग ठीक हो जाए

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आयुर्वेद के अनुसार अधिकांश मनुष्य वात विकारों से पीड़ित होते हैं और गिलोय के रस और पत्तियों में वात विकारों को दूर करने की गुणकारी औषधि होती है। इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि । गिलोय की बेल घरों के बाहर, बाग-बगीचों में लगाई जाती है। गिलोय की बेल हमेशा हरी भरी रहने के कारण इसको सजावट के लिए भी लगाया जाता है, लेकिन जो व्यक्ति इसके गुण से परिचित होते हैं, वे विभिन्न रोगों के निवारण के लिए इसका उपयोग करते हैं। गिलोय की पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन, फॉस्फोरस अच्छी मात्रा में पाया जाता है और इसके तनों में स्टार्च की भी काफी मात्रा में होता है । नीम के पेड़ पर गिलोय की बेल को चढ़ा देने से इसके गुणों में अधिक बढ़ोतरी हो जाती है।

 There is no disease in the world that may be cured by clicking not to heal from this plant.

  1. अगर आपको खून की कमी है तो गिलोय का रस पीना शुरू कर दीजिये,ये एनीमिया जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए प्रसिद्ध है।

  2. अगर आपका दिल कमजोर है यानि आप जल्दी घबरा जाते हैं तो गिलोय के रस के सेवन से आपका दिल मजबूत हो जायेगा।

  3. अगर आपको कब्ज की समस्या है तो आप गिलोय के चूर्ण को गुड़ के साथ मिलाकर सेवन करें आपको कब्ज से बहुत ही जल्द निजात मिल जायेगा।

  4. गिलोय के तने के रस का शहद के साथ दिन में दो बार सेवन करने से बवासीर,कोढ़ और पीलिया जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।

  5. रक्तप्रदर की समस्या भी गिलोय के रस के सेवन से ठीक हो जाता है।

  6. अगर आपको त्वचा से सम्बंधित समस्या जैसे दाग धब्बे,फोड़ा,फुंसी और झाइयाँ जैसी समस्या है तो गिलोय के बेल पर लगे फल को पीसकर उस जगह लगाने से ऐसी समस्या भी दूर हो जाती है।

  7. गिलोय के चार ग्राम चूर्ण को दूध के साथ मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से गठिया जैसे रोग भी दूर हो जाते हैं।

गिलोय से आँख की रौशनी भी तेज़ हो जाती है।
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