ठंड के मौसम में तील को खाने से मिलते है अनदेखे फायदे जिससे शायद आप जानते ही नहीं है
ठंड के मौसम में तिल खाने से अधिक मिलता है फायदा. तिल खाने से कफ, पित, सिर दर्द, वर्ण, दातो के रोग, मूत्र, पाचन शक्ती अधी रोगो में इस का फायदा मिलता है. तिल और गुड खाने का अधिक लाभ मिलता है. ध्यान रहे ठंड के मौसम में इसे जरूर खाये. तिल के अंदर ये वैज्ञानिक गुण है. प्रोटीन, कैल्शियम, फैटी एसिड, मोनो सैचुरेटेड, बी काम्लेमिक्स, कार्बोहाइट्रेड ये तिल के अंदर वैज्ञानिक गुण होते है.
ठंड के मौसम में अकसर छोटे बडे इन्सान को खासी लगती है. एैसी व्यक्ती 5 चमच तील एक ग्लास पानी में मिलाकर वह पानी उभाले फिर वह पानी गुनगुना होने के बाद लगातार 5 दिन हररोज तीन बार एक एक ग्लास वह पानी छान कर पिये इसी प्रयोग से सुखी खासी कम होती है. दुसरा प्रयोग तील के अंदर चिनी या गुड मिलाकर एक एक चमच दो दो घंटे के अंदर खाने से खासी दूर होगी.
अतिसार से परेशान व्यक्ती 15 ग्राम तील को पीसकर उस में 20 ग्राम चिनी मिलाकर बकरी के दुध में गर्म कर के पिये इससे खुनी अतिसार बंद होगा. साथ ही तील को पीसकर मखन के साथ खाने से खुनी अतिसार में लाभ होगा.
पथरी रोगो से अगर कोई परेशान है तो एैसे मरीज तिल की पेड की राख लगभग 10 ग्राम रोजाना तीन दिन खाने से पथरी गलकर निकल जायेगी. तील के फुलो के पाच मि.ली लीटर रस में 2 चमच शहद और 250 मि.ली लीटर गाय के दुध में मिलाकर पिणे से पथरी खत्म हो जाती है.
खुनी बवासीर को ठीक करणे के लिये तिल का चूर्ण, मिश्री का चूर्ण बकरी के दुध में मिलाकर पिने से बवासीर में लाभ मिलता है. साथ ही तिल, नाग केशर, शर्करा का चूर्ण इन तीनो को खाने से बवासीर नष्ट होता है. हररोज दो चमच तील खाये और ठंडा पानी पिये इससे बवासीर में लाभ मिलता है.